New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लिव-इन-रिलेशनशिप के अनिवार्य पंजीयन की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई। बता दें कि दिल्ली के श्रद्धा वालकर मर्डर केस के सामने आने के बाद यह याचिका ममता रानी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
हम ऐसे मामलों में जुर्माना लगाना शुरू करेंगे
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ये सब क्या है, लोग यहां कुछ भी लेकर आते हैं। हम ऐसे मामलों पर जुर्माना लगाना शुरू करेंगे। सीजेआई ने याचिकाकर्ता से पूछा- पंजीकरण किसके साथ, केंद्र सरकार के साथ, लिव इन में रहने वाले लोगों से केंद्र सरकार का क्या लेना-देना।
और पढ़िए – Parliament Session Live Updates: हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित
इस याचिका पर CJI चंद्रचूड़ गुस्सा हो गए, उन्होंने कहा,
---विज्ञापन---◆ लोग यहां कुछ भी लेकर आ जाते हैं
◆ अब हमें जुर्माना लगाना पड़ेगा
Live In Relationship | @PMishra_Journo
— News24 (@news24tvchannel) March 20, 2023
सीजेआई ने सवालिया अंदाज में कहा आप इन लोगों की सुरक्षा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं या लिव-इन रोकने की। हम इस मूर्खताभरी याचिका को खारिज करते हैं।
और पढ़िए – Sabse Bada Sawal: महंगाई भरे दिन बीते रे भइया….तेल कब तक निकालेगा हमारा ‘तेल’?
कोर्ट ने पहले भी मौलिक अधिकारों के दायरे में माना
बता दें कि याचिकाकर्ता ने लिव इन रिलेशनशिप्स के दौरान होने वाली घटनाओं को देखते हुए यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोर्ट ने पहले भी इस तरह के संबंधों को मौलिक अधिकारों के दायरे में माना है। लिव-इन में रहने वालों का केंद्र सरकार रजिस्ट्रेशन करे, ताकि पुलिस के पास इनका रिकाॅर्ड मौजूद हो।
और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें
Edited By