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‘नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखते’, पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

Parliament Budget Session: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पीएम मोदी को नेहरू सरनेम वाले बयान पर विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया है। पिछले महीने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने नेहरू उपनाम का उपयोग नहीं करने को लेकर गांधी परिवार पर हमला बोला था। नेहरू और इंदिरा पर साधा था निशाना पीएम ने राष्ट्रपति […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Mar 17, 2023 14:12
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KC Venugopal Gave Notice Breach of Privilege

Parliament Budget Session: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पीएम मोदी को नेहरू सरनेम वाले बयान पर विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया है। पिछले महीने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने नेहरू उपनाम का उपयोग नहीं करने को लेकर गांधी परिवार पर हमला बोला था।

नेहरू और इंदिरा पर साधा था निशाना

पीएम ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पूछा था कि नेहरू उपनाम पर उपयोग करने में शर्म क्यों आती है? जबकि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के गैर नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को गिराने के लिए बार-बार अनुच्छेद 356 का उपयोग करने के लिए जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की आलोचना की थी।

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कांग्रेस सांसद ने पीएम के बयान को इस तरह से लिखा है, मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो भाई, नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे। क्योंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता है उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरु जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या शर्मिंदगी है? नेहरु सरनेम रखने में क्या शर्मिंदगी है? इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है? परिवार को मंजूर नहीं है।

संघवाद के बहाने कांग्रेस को घेरा

पीएम ने संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि नेहरू और गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकाराें ने कई क्षेत्रीय दलों की राज्य सरकारों को गिराने के लिए कम से कम 90 बार संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया। मोदी ने कहा कि राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियाें की सरकारों को गिराने के लिए इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का 50 बार इस्तेमाल किया।

क्या होता है विशेषाधिकार हनन का नोटिस

संसदीय विशेषाधिकार व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से संसद के सदस्यों को प्राप्त अधिकार हैं, ताकि वे अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें। जब इनमें से किसी भी अधिकार और प्रतिरक्षा की अवहेलना की जाती है, तो अपराध को विशेषाधिकार का उल्लंघन कहा जाता है और यह संसद के कानून के तहत दंडनीय है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Mar 17, 2023 02:12 PM

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