नई दिल्ली: इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तिव्रता 6.9 रही। राजधानी जकार्ता में भूकंप के तेज झटके लगे हैं। अभी भूकंप से होने वाले नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।
यूएसजीएस ने कहा कि भूकंप बेंगकुलु शहर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 212 किलोमीटर दूर आई है। भारत में हिंद महासागर सुनामी चेतावनी और शमन प्रणाली (IOTWMS) ने कहा कि भूकंप “ऐतिहासिक डेटा और सुनामी मॉडलिंग के आधार पर” हिंद महासागर क्षेत्र को प्रभावित करने वाली सुनामी पैदा करने में सक्षम हो सकता है।
भारत में पिछले दिनों कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वुधवार रात हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इसकी तिव्रता 4.1 मापी गई थी। राजधानी दिल्ली में भी इस महीने दो बार भूकंप आ चुका है।
जानें, क्यों आता है भूकंप
सरंचना के मुताबिक, पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकराती और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। ऐसे में नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।