Pawal Mahapanchayat: नूंह हिंसा के विरोध में रविवार को पलवल-नूंह बॉर्डर पर पोंडरी गांव में सर्व हिंदू समाज की महापंचायत हुई। आयोजकों के सामने शर्त रखी गई थी कि कोई भी हेट स्पीच नहीं देगा। बावजूद इसके पुलिस की मौजूदगी में खुली धमकियां दी गईं। हरियाणा गौर रक्षक दल के आयार्चा आजाद शास्त्री ने मेवात में करो या मरो की स्थिति बताई और युवाओं से हथियान उठाने के लिए कहा। वहीं, एक अन्य वक्ता ने कहा कि यदि आप उंगली उठाएंगे तो हम आपके हाथ काट देंगे।
31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद और गौरक्षक दल की तरफ से बृजमंडल यात्रा निकाली थी। इस दौरान कुछ लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। दो होमगार्डों समेत 6 लोगों की मौत हुई थी। महापंचायत में फिर से बृज मंडल यात्रा निकालने पर चर्चा की गई।
Acharya Azad Singh Arya, senior member of the Gau Raksha Dal in Haryana, spoke at the Hindu Mahapanchayat in Palwal today "Hindus of Mewat and the neighbouring villages should take atleast 100 arms. Not revolvers, you should take rifles. Revolvers don't have effective range" pic.twitter.com/qRc1XBgMYL
— Shinjinee Majumder (@shinjineemjmdr) August 13, 2023
---विज्ञापन---
100 राइफलों का तत्काल लेना होगा लाइसेंस
आचार्य आज़ाद शास्त्री ने महापंचायत में कहा कि हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस लेना सुनिश्चित करना चाहिए। लाइसेंस बंदूकों का नहीं बल्कि राइफलों का लेना होगा। क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं। यह करो या मरो की स्थिति है। इस देश का विभाजन हिंदू और मुसलमानों के आधार पर हुआ था। यह गांधी के कारण ही था कि ये मुसलमान मेवात में रुके रहे। एफआईआर से डरना नहीं है। मेरे खिलाफ भी एफआईआर हैं, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए।
28 अगस्त को फिर निकलेगी यात्रा
महापंचायत में 28 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल यात्रा पूरी करने का फैसला किया गया है। आयोजकों ने कहा कि 31 जुलाई को हिंसा के कारण यात्रा रोक दी गई थी। वीएचपी विभाग के मंत्री देवेंदर सिंह ने बताया कि सभी हिंदू समूहों ने 28 अगस्त को यात्रा पूरी करने का फैसला किया है।
महापंचायत में उठी ये मांगें
- नूंह हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराई जाए।
- हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी और घायलों को 50 लाख रुपये दिए जाएं।
- हिंसा में संपत्तियों के नुकसान का विश्लेषण करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और मुआवजा दिया जाए।
- अवैध रुप से रह रहे लोगों को तत्काल बाहर किया जाए।
- पुलिस को दंगाइयों की पहचान करे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
- मेवात में एक केंद्रीय बल का मुख्यालय बनाया जाए।
पुलिस ने रखी थी ये शर्त
पलवल के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने कहा कि कई शर्तों पर अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि आयोजकों से कहा गया कि कोई भी नफरत भरे भाषण नहीं देगा। अगर कोई ऐसा करता है तो तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा। कोई भी हथियार, लाठी, डंडे या कोई ज्वलनशील वस्तु नहीं लाएगा। दोपहर 2 बजे तक समाप्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं।
यह भी पढ़ें: मोदी-शाह हमारे स्कूलों में पढ़े, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने क्यों किया ऐसा दावा?