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गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका, जम्मू-कश्मीर के छह नेताओं ने पार्टी छोड़ी

श्रीनगर: गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को आजाद के पार्टी छोड़ने के कुछ ही घंटों के बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के पांच नेता, जो पूर्व विधायक भी थे, ने भी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है। खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता गुलाम […]

Edited By : Pulkit Bhardwaj | Updated: Aug 26, 2022 16:17
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Ghulam Nabi Azad
Ghulam Nabi Azad

श्रीनगर: गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को आजाद के पार्टी छोड़ने के कुछ ही घंटों के बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के पांच नेता, जो पूर्व विधायक भी थे, ने भी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है।

खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता गुलाम मोहम्मद सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट्ट, गुलजार अहमद वानी, चौधरी अकरम मोहम्मद और सलमान निजामी ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

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इनके अलावा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वालों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब भी शामिल थे। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में आजाद ने नेतृत्व पर आंतरिक चुनावों के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।

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आजाद ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का एक नोट भेजा, जिसमें उन्होंने पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव और इंदिरा गांधी के साथ अपने करीबी संबंधों को याद किया।

स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर के संगठनात्मक पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद, गुलाम नबी आजाद ने अपने विस्तृत त्याग पत्र में लिखा, कांग्रेस पार्टी की स्थिति ‘नो रिटर्न’ के बिंदु पर पहुंच गई है।

आजाद ने लिखा, “संपूर्ण संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक तमाशा और दिखावा है। देश में कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। 24 अकबर रोड पर बैठने वाली AICC मंडली ने अपने चुने हुए असहाय सिपहेसलारों को तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया है।

‘एक गैर-गंभीर व्यक्ति’

गुलाम नबी आजाद ने इशारों-इशारों में पार्टी हाईकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को भाजपा और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों के समक्ष समर्पण करना पड़ा। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले आठ वर्षों में नेतृत्व ने पार्टी के शीर्ष पर एक गैर-गंभीर व्यक्ति को थोपने की कोशिश की है।

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Written By

Pulkit Bhardwaj

First published on: Aug 26, 2022 04:17 PM
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