What is Digital Arrest Fraud: दुनिया भर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दिन पर दिन साइबर अपराधी फ्रॉड के ऐसे तरीके अपना रहे हैं, जिन्हें जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे और कहेंगे इतनी मेहनत अगर इन्होंने पढ़ाई में की होती तो आज ये IAS बन गए होते। स्कैमर्स वारदातों को अंजाम देने के लिए अब एक खास तरह का तरीका अपना रहे हैं, जिसे ‘Digital Arrest’ फ्रॉड कहा जा रहा है।
हालिया मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा से सामने आया है जहां साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और इसके बाद सवा करोड़ रुपये ठग लिए। चलिए पहले जानें क्या है ये ‘डिजिटल अरेस्ट’ और अगर आप इसमें फंस जाएं तो खुद को कैसे रखें सेफ…
‘Digital Arrest’ क्या है?
‘Digital Arrest’ के बारे में जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि ये धोखाधड़ी करने का नया तरीका है, जो इन दिनों साइबर ठग अपना रहे हैं। इसके जरिए जालसाज कभी गैर कानूनी प्रोडक्ट का पार्सल भेजे जाने तो कभी बैंक अकाउंट से इललीगल ट्रांजेक्शन होने की बात कह कर लोगों को पहले डरा देते हैं और बाद में उन्हें ठग लेते हैं।
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पुलिस ऑफिसर बनकर करते हैं…
इतना ही नहीं साइबर ठग मामला दर्ज होने और गिरफ्तारी का भी भय दिखाते हैं। जब कोई इस जाल में फंस जाता है तो ये उस शख्स से पुलिस ऑफिसर बनकर वीडियो कॉल के जरिए बात करते है और उसे उसके घर में ही डिजिटल तोर से अरेस्ट कर लेते हैं। अपराधी इस दौरान पीड़ित को वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देते और न ही किसी से कॉल पर बात करने देते हैं।
कैसे बचें और कहां करें शिकायत?
- डराने या धमकाने का कोई कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को इसके बारे में सूचना दें।
- अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी का अधिकारी बन बात कर रहा है तो आप उस एजेंसी को कॉल कर मदद मांग सकते हैं
- कॉल के दौरान पैसों के लेनदेन की बात न करें। कोई भी पर्सनल डिटेल भी शेयर न करें।
- ऐसा होने पर आप 1930 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
- आप ऑनलाइन www.cyber crime.gov. in पर भी जाकर Help ले सकते हैं।
- इतना ही नहीं आप सोशल मीडिया साइट एक्स पर @ cyberdost के जरिए भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।