Union Budget 2025 Expectations Technology Sector: पिछले दो सालों में टेक्नोलॉजी की दुनिया में काफी बदलाव हुआ है। डिजिटल इंडिया की ओर भारत आगे बढ़ा और 5G की रफ्तार से तकनीकी बदलाव हुए हैं। AI को अपनाने के साथ लोगों के लिए कई काम आसान हुए हैं। गैजेट्स का इस्तेमाल भी पिछले सालों की तुलना में ज्यादा बढ़ा है। 1 फरवरी, शनिवार को पेश होने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 बजट से टेक्नोलॉजी सेक्टर को काफी कुछ उम्मीदें हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 11वें बजट में टेक सेक्टर के लिए क्या कुछ पेश किया जा सकता है और बजट 2024 में क्या-क्या पेश किया गया था? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्मार्टफोन को लेकर बड़ी राहत
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेक्नोलॉजी सेक्टर में सबसे बड़ा ऐलान स्मार्टफोन को लेकर किया था। इस दौरान सरकार ने मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया था। दरअसल, बजट में फोन को सस्ते करने का ऐलान किया था। मोबाइल चार्जर, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट डिजाइन असेंबली (PCDA) और मोबाइल फोन पर लगने वाले बेसिक कस्टम ड्यूटी को कम किया था। 15 प्रतिशत तक बेसिक कस्टम ड्यूटी की कटौती करने पर सीधा कंज्यूमर्स को फायदा मिला और फोन सस्ते हुए।
इस बार के वित्तीय वर्ष 2025-26 से भी कुछ ऐसी ही उम्मीद है कि वो बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर लोगों के लिए फोन को अधिक सस्ता कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि फोन निर्माता कंपनियों की ओर से इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने की मांग की जा चुकी है जिस पर सरकार विचार कर सकती हैं और फोन खरीदारों को इससे सस्ते में स्मार्टफोन मिल सकता है।
अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के भी सस्ते होने की उम्मीद
बजट 2024 में सरकार ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को महंगा भी किया था लेकिन इस पर उम्मीद है कि फोन के अलावा अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स सस्ते हो सकते हैं। दरअसल, इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन की ओर से भी मांग की गई है कि इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैक्स को घटाया जाए। अगर इस मांग को सरकार की ओर मान लिया गया तो सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं बल्कि स्मार्ट टीवी समेत अन्य प्रोडक्ट्स भी सस्ते हो सकते हैं।
टेलीकॉम सेक्टर में भी राहत की उम्मीद
स्मार्टफोन, टीवी समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के सस्ते होने के अलावा टेलीकॉम सेक्टर को भी राहत मिल सकती है। दरअसल, टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भी इंपोर्ट ड्यूटी समेत लाइसेंस फीस में कटौती की मांग की जा रही है जिसे अगर सरकार स्वीकार कर लेती है तो टेलीकॉम सेक्टर को राहत मिल सकती है जिससे ग्राहकों को भी फायदा हो सकता है।
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