Made in India Mobile Phones: बुधवार को संसद में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत में यूज किए जाने वाले लगभग 99.2% फोन अब देश में ही मैन्युफैक्चर किए जा रहे हैं। संसद में मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन में काफी तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह आंकड़ा 1,90,366 करोड़ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 9,52,000 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें 17% से ज्यादा की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज किया गया है।
मोबाइल इम्पोर्टर से एक्सपोर्टर बनने का सफर
मंत्री ने यह भी बताया कि भारत अब मोबाइल फोन इम्पोर्टर से एक्सपोर्टर देश बन गया है। जानकारी के मुताबिक, भारत में वित्त वर्ष 2014-15 में बिकने वाले डिवाइस का लगभग 74% इम्पोर्ट किया जाता था लेकिन आज, डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग के कारण यह इम्पोर्ट लगभग खत्म हो गया है।
इन पर सरकार का फोकस
अब तक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने लगभग 25 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं, जिसमें डायरेक्ट और Indirect दोनों रोजगार शामिल हैं। इसके साथ ही सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के Outlay के साथ सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम को अप्रूवल दिया है।
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Electronics Manufacturing में प्रोत्साहन
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और सेमीकंडक्टर के मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए खास योजनाएं शुरू की हैं।
भारत बनेगा ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब
मंत्री ने यह भी बताया कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में खुद को और मजबूत बनाने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। इनमें हाई कैपिटल इन्वेस्टमेंट, लार्ज-स्केल प्रोडक्शन की जरूरत है और क्वालिटी और प्राइस को भी ग्लोबल मार्केट के हिसाब से रखना जरूरी है। सरकार इन बाधाओं को दूर करने और भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर फोकस कर रही है।