Digital Security Rules: (संजीव शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, AUKS)। आज के बदलते युग में हर चीज डिजिटल (digitizer) होती जा रही है। यानी सब कुछ कागज रहित। किताबों से लेकर बाही खाता सब कुछ डिजिटल (Digital) हो गया है। इसमें यदि सतर्कता नहीं ली गई, तो आप अगले ही पल कंगाल हो सकते हैं। आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, क्योंकि अभी सरकारी तंत्र इतना सक्षम नहीं है कि आपकी अधिक मदद कर सके। तो हो जाइये सावधान वरना विदेशी लुटेरे (digital robbers) भी आपको दूसरे देश में बैठे-बैठे कंगाल कर सकते हैं।
डिजिटल लुटेरों (digital robbers) से बचने के 6 तरीके
- सबसे पहले आप समझें कि डिजिटल सुरक्षा की सबसे बड़ी चाबी है आपका पासवर्ड। यदि आपसे आपका कोई पासवर्ड मांग रहा है, तो सतर्क हो जाना चाहिए। यदि अनजाने में अपना पासवर्ड किसी को दे दिया, तो वह आपके उस खाते का मालिक हो जाता है। कभी भी अपना पासवर्ड, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, शादी की सालगिरह व बच्चों की जन्मतिथि आदि न बताएं। याद रखें और हर तीन महीने में उसे बदलते रहें।
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- आपको कभी भी बैंक से अपना OTP (One Time Password) किसी भी कीमत न दें। वो भी आपकी तिजोरी की डुप्लीकेट चाबी है। लुटेरे अलग-अलग बहाने बनाकर या आपको लालच देकर आपका OTP मांगेंगे। जैसे आपके पॉइंट के पैसे मिलेंगे या आपका कार्ड रिव्यू करना आदि। OTP तो किसी को न दें। बैंक को भी नहीं। कई बार आपके पास ऐसे कॉल आएंगी, जो आपके बैंक से होने का दावा करेगा। ऐसे लोगों से हमेश अलर्ट रहें।
- आपका फोन यदि बिना वजह बंद हो गया है, तो तुरंत कार्यवाही करें। किसी लुटेरे ने आपके फोन की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाकर डुप्लीकेट सिम ले लिया होगा, तो OTP उसके पास आ जाएगा और आप कंगाल हो जायेंगे। साइबर क्राइम सेल विदेश में बैठे लुटेरों का कुछ नहीं बिगड़ सकता। यदि आपने अपना पासवर्ड या OTP खुद दिया है, तो आप कोई मदद की उम्मीद न करें।
- ATM मशीन में किसी से मदद न लें। लुटेरे के पास बंद ATM कार्ड होता है, जो देखने में आपके कार्ड जैसा ही होगा। वो आपसे अपने सामने पासवर्ड डलवा कर याद कर लेगा व आपका कार्ड बदल देगा। उसके बाद दूसरे ATM से आपका पैसा निकाल लेगा।
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- एक जैसी दिखने वाली बैंक की वेबसाइट भी होती हैं इसलिए किसी सर्च इंजन से बैंक की वेबसाइट न खोलें। यदि डुप्लीकेट वेबसाइट पर आपने अपनी अकाउंट की जानकारी डाल दी, तो आपको अपने पैसों से हाथ धोना पड़ जाएगा।
- मोबाइल के SMS से आये लिंक पर गलती से भी क्लिक न करें। इससे आपके मोबाइल में ऐसी APP अपने आप डाउनलोड हो जायेगी, जो आपके फोन की सारी जानकारी किसी दूसरे को दे देगी और आप अपने हाथ मलते रह जायेंगे।
यदि आप ऐसे किसी लुटेरे या जालसाज के झांसे आ गए हैं तो घबराएं नहीं। इसके अलावा कोई अपरिचित कॉल आये, तो स्क्रीन शॉट लें। आप हमें अपनी प्रॉब्लम (011-35693163 ) शेयर कर कर सकते हैं। समाधान का हर संभव प्रयास किया जाएगा। यदि आप अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं तो ईमेल करें- theconsumermirror@gmail.com
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