Cooler Cooling Tips: देश के कई हिस्सों में इन दिनों गर्मी ने बुरी तरह रुला रखा है। कुछ जगह तो तापमान 46 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। दिन में बाहर निकलना ऐसा लगता है जैसे कोई भट्टी में जाने को बोल रहा हो। घरों में भी दिनभर AC और कूलर चल रहे हैं। AC के मुकाबले कूलर सबसे कम खर्च में ठंडी हवा देने के लिए जाना जाता है। हालांकि अगर आप भी इन दिनों एक नया कूलर लेने का सोच रहे हैं तो पहले कुछ टेक्निकल चीजों के बारे में जरूर जान लें। कहीं ऐसा न हो सस्ते के चक्कर में आपको कोई चूना लगा दे। चलिए इसके बारे में जानें…
मोटर कैसी हो?
आजकल बाजार में मौजूद ज्यादातर कूलर की मोटर 150-300 वॉट तक की होती है। हालांकि जिस कूलर में ज्यादा वॉट की मोटर मिलती है वो उतना बेहतर एयर फ्लो देता है लेकिन ये बात भी ध्यान में रखें कि ज्यादा वॉट की मोटर आपका बिजली बिजली भी बढ़ा सकती है।
ऐसी मोटर वाला ही लें कूलर
जब भी आप एक नया कूलर खरीदें, तो इस बात का ध्यान रखें कि वो BLDC मोटर से लैस हो, क्योंकि BLDC मोटर बेहतर एयर फ्लो के साथ बिजली की खपत कम कर देती है। ऐसी मोटर के जल्दी खराब होने का भी डर नहीं रहता क्योंकि बीएलडीसी मोटर में घर्षण और चिंगारी नहीं बनती। इतना ही नहीं इस मोटर से शोर भी कम होता है। इसके अलावा आप इसकी स्पीड को कंट्रोल भी कर सकते हैं।
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वाटर पंप कैसा हो?
एक नया कूलर खरीदते वक्त ये ध्यान रखें कि उसमें वाटर पंप कैसा लगा है। इस वाटर पंप का फ्लो रेट 800 लीटर प्रति लीटर होना जरूरी है। इससे कूलर में पानी का फ्लो बेहतर हो जाता है। जिसका सीधा असर आपको इसकी कूलिंग में देखने को मिलेगा। वाटर पंप कहीं न कहीं कूलर में कूलिंग को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। ऐसे में एक बेहतर वाटर पंप का होना बेहद जरूरी है।
कैसे पैड का करें यूज?
आजकल मार्केट में जितने भी कूलर आ रहे हैं उन सभी में हनीकॉम्ब पैड लगा होता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इससे कूलिंग कम हो जाती है। साथ ही हनीकॉम्ब पैड वाले कूलर महंगे मिलते हैं। यही नहीं इसमें गंदगी जमने का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में आप इसकी जगह हमेशा घास वाले पैड का यूज करें जो सस्ते होने के साथ-साथ ज्यादा ठंडी हवा भी देते हैं।