China Rule for Gamers: आजकल बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक गेमिंग की लत के शिकार हो गए हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने तो गेमिंग में अपना करियर बना लिया है। जबकि, कुछ बच्चे पढ़ाई-लिखाई छोड़कर दिनभर गेम ही खेलना पसंद करते हैं। ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म में को लेकर यूजर्स के बीच बढ़ता क्रेज कहीं न कहीं एक चिंता का विषय है। गेम्स की लत किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर प्रभाव डाल सकती है। वहीं, अब इस तरह की लत पर भारतीय सरकार द्वारा लगाम लगाया जा सकता है।
ऑनलाइन गेमर्स के लिए भारत में चीन जैसा नियम लागू हो सकता है। Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने जानकारी दी है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत से छुटकारा दिलवाने के लिए सरकार की ओर से चीन जैसा नियम लागू किया जा सकता है।
गेमिंग की लत पर लगेगा लगाम!
हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी की एक बैठक हुई थी और इस दौरान असली पैसे वाले और ऑनलाइन गेम्स पर टाइम और स्पेंडिंग लिमिट को लेकर नियम लागू किया जा सकता है। गेमिंग पर समय और स्पेंडिंग लिमिट जैसे रूल्स चीन में अपनाए जाते हैं जिसे लेकर भारत की सरकार भी अब सोच रही है। बता दें कि IT Rules 2021 के अलग-अलग पहलुओं पर भी इस चीन नियम की चर्चा की गई थी।
टाइम एंड स्पेंडिंग लिमिट रूल्स
Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक MeitY के अधिकारी गेम को अनुमेय (Permissible) या गैर-अनुमेय (Non-Permissible) के रूप में प्रमाणित करने के लिए स्व-नियामक संगठन (Self-Regulatory Organization) पर निर्भर रहने की बजाए टाइम लिमिट को अधिक प्रभावी तरीके के रूप में देखते हैं।
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गेमर्स के लिए चीन जैसे गेमिंग रूल्स
रिपोर्ट के अनुसार जब नवंबर साल 2019 में चीन में पब्लिक हॉलिडे हुआ तब 18 साल से कम उम्र के गेमर्स के लिए हर दिन 90 मिनट या 3 घंटे से ज्यादा समय तक गेम खेलना प्रतिबंध था। इस नियम पर को और कड़ा करते हुए सरकार ने अगस्त 2021 में 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए खेलने का समय सिर्फ 1 घंटा कर दिया था। 2021 के नियम के अनुसार 18 साल से कम के लोग शुक्रवार, साप्ताहिक छुट्टी और पब्लिक होलिडे पर सिर्फ 1 घंटे ही गेम खेल सकते हैं।
खर्च और समय पर लगेगा लगाम!
भारत में अगर चीन का ये गेमिंग नियम लागू होता है तो गेमर्स का समय और खर्च दोनों बच सकता है। यहां तक कि गेमिंग की लत से भी बचाव हो सकता है। इस नियम का पालन करने और अपनाने के लिए गेमिंग कंपनियों के पास एक खास मशीन भी होनी चाहिए या को तकनीकी सपोर्ट होना चाहिए। गेमर्स के टाइम को कंट्रोल करने के लिए गेमिंग कंपनियों के पास कंट्रोलिंग डिवाइस का होना जरूरी है।
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