---विज्ञापन---

गैजेट्स

AI का भविष्य खतरे में? Microsoft ने दी चेतावनी, महिलाओं की भागीदारी बेहद जरूरी

AI Development Risks: आज AI हमारी जिंदगी का बड़ा हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या यह सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद होगा? माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी है कि अगर AI बनाने वालों में महिलाओं की भागीदारी कम रही, तो भेदभाव और असमानताएं बढ़ सकती हैं। जानिए क्यों यह बदलाव जरूरी है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 10, 2025 14:09
Artificial Intelligence
Artificial Intelligence

AI Development Risks: अगर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे फैसले लेने लगे जो पहले से मौजूद भेदभाव को और बढ़ा दें। अगर इसे बनाने वालों में महिलाओं की भागीदारी कम रही तो क्या यह सच में सबके लिए फायदेमंद होगी? माइक्रोसॉफ्ट की चीफ पार्टनर ऑफिसर हिमानी अग्रवाल ने चेतावनी दी है कि अगर AI को सही और निष्पक्ष बनाना है, तो महिलाओं की मौजूदगी जरूरी है। अगर विविधता नहीं होगी तो आज की असमानताएं कल की टेक्नोलॉजी में भी जुड़ जाएंगी। इसलिए महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने और उन्हें नए अवसर देने की जरूरत है।

AI में महिलाओं की कम भागीदारी का खतरा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में महिलाओं की कम भागीदारी भविष्य के लिए खतरा बन सकती है। माइक्रोसॉफ्ट की चीफ पार्टनर ऑफिसर हिमानी अग्रवाल ने कहा है कि अगर AI का विकास अलग-अलग नजरियों को शामिल किए बिना होता है, तो यह भविष्य में भेदभाव को बढ़ा सकता है। उन्होंने बताया कि AI हमारी दुनिया को बदल रहा है, इसलिए इसे बनाने वालों में भी दुनिया की विविधता दिखनी चाहिए। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्कूलों से ही डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना, मेंटरशिप (मार्गदर्शन) को मजबूत करना और नेतृत्व के अवसर देना जरूरी है।

---विज्ञापन---

AI में असमानता से बढ़ सकती हैं समस्याएं

AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। आज AI का इस्तेमाल स्वास्थ्य, वित्त, शिक्षा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हो रहा है। अगर इसे केवल सीमित डेटा के आधार पर विकसित किया गया, तो यह मौजूदा सामाजिक असमानताओं को और बढ़ा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के मुख्य वर्कफोर्स में 31.6 प्रतिशत महिलाएं हैं, लेकिन AI और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में अभी भी उनकी भागीदारी बहुत कम है। हिमानी अग्रवाल ने कहा कि असली चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं सिर्फ कार्यक्षेत्र में प्रवेश ही न करें, बल्कि वहां आगे भी बढ़ें और नेतृत्व की भूमिका निभाएं।

टेक्नोलॉजी को सभी के लिए अनुकूल बनाना जरूरी

टेक्नोलॉजी सबको बराबर मौके दे सकती है, लेकिन इसके लिए काम करने की जगह को सभी के लिए अनुकूल बनाना जरूरी है। हिमानी अग्रवाल ने कहा कि अच्छी नीतियों और सही माहौल से महिलाओं को करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि ऑफिस का माहौल ऐसा होना चाहिए, जहां महिलाएं अपने काम और घर के बीच संतुलन बना सकें। साथ ही हर किसी को डिजिटल शिक्षा और इंटरनेट की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि महिलाएं सिर्फ नौकरी ही नहीं, बल्कि अपना खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकें और आगे बढ़ सकें।

समाज में बदलाव से ही होगा सुधार

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए समाज में बदलाव जरूरी है और इसमें पुरुषों की भी बड़ी भूमिका होगी। उन्हें सिर्फ देखने वाले नहीं, बल्कि मदद करने वाले बनना होगा। हिमानी अग्रवाल ने कहा कि अगर डिजिटल टेक्नोलॉजी, अच्छी नीतियां और सहयोग देने वाला माहौल साथ मिलकर काम करें, तो कई नए मौके बन सकते हैं। जब महिलाओं को बराबर का मौका और सपोर्ट मिलेगा, तब AI का भविष्य न सिर्फ सुरक्षित होगा, बल्कि सबके लिए ज्यादा सही और संतुलित भी बनेगा।

HISTORY

Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 10, 2025 02:08 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें