AMD Layoffs: दुनिया की सबसे बड़ी चिप मेकर कंपनियों में से एक AMD ने हाल ही में अपने 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से टाटा बाय-बाय कह दिया है, जो कि कंपनी के टोटल एम्प्लाइज का लगभग 4 परसेंट है। यह फैसला कंपनी ने AI चिप्स पर फोकस करने के चलते लिया है। यह कदम दिखाता है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI की इम्पोर्टेंस किस हद तक बढ़ गई है, खासकर ChatGPT जैसे टूल की सफलता के बाद तो लगातार हर तरफ छंटनी की खबरें सुनने को मिल रही हैं।
कंपनी ने क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?
कंपनी ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? तो इसका सीधा जवाब है कम्पटीशन और प्रॉफिट। कंपनी अपने कॉम्पिटिटर Nvidia से आगे निकलना चाहती है, जो फिलहाल AI चिप्स के मार्केट में दबदबा बनाए हुए है। पिछले कुछ वक्त में Nvidia के शेयर्स में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। बता दें कि AI वाली खास चिप्स बहुत महंगी हैं और AI सिस्टम्स को पावर देने वाले बड़े डेटा सेंटर्स के लिए इनकी डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है।
हाल ही में सामने आई रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, AMD का डेटा सेंटर जिसमें AI चिप्स शामिल हैं, तेजी से बढ़ रहा है। हाल के महीनों में इसका रेवेन्यू भी दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। हालांकि, AMD के अन्य बिजनेस उतने अच्छे परफॉर्म नहीं कर रहे हैं। जबकि उनके पर्सनल कंप्यूटर चिप्स की बिक्री में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि गेमिंग डिवीजन में 69 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है।
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AI चिप्स पर फोकस करना सही?
ऐसा लग रहा है कि AMD का AI चिप्स पर ज्यादा रिसोर्स लगाने का फैसला सही है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2024 में AMD का डेटा सेंटर 98 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जबकि कंपनी की कुल वृद्धि 13 परसेंट तक होने की उम्मीद है। हालांकि, AI चिप्स तैयार करना इतना भी आसान नहीं है। इसी के चलते AMD की रिसर्च कॉस्ट 9 परसेंट बढ़ गई है और प्रोडक्शन कॉस्ट 11 परसेंट बढ़ी है। इन चिप्स के प्रोडक्शन के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है जबकि इन्हें बनाने के लिए सुविधाएं लिमिटेड हैं।
शेयर में 3% से ज्यादा की गिरावट
AMD ने इस साल के एंड तक MI325X नाम की एक नई AI चिप तैयार करने की प्लानिंग की है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक दिग्गज कंपनियां अपने डेटा सेंटर्स के लिए ऐसी ही AI चिप्स की तलाश में हैं। इन सभी प्रयासों के बावजूद इस साल AMD के शेयर्स में 3% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है, जबकि पिछले साल कंपनी के शेयर दोगुना हो गए थे और काफी तेजी से बढ़े थे।