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क्या भारत में OnePlus, iQoo, Poco मोबाइल कंपनियों पर आई मुसीबत? भारत सरकार से हो रही ये मांग

Demand cancellation of license of Chinese mobile company : ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन की तरफ से पत्र लिखकर OnePlus, iQoo, Poco जैसी कंपनियों के लाइसेंस को रद्द करने की मांग की गई है।

Edited By : Avinash Tiwari | Updated: Oct 1, 2024 21:41
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Demand cancellation of license of Chinese mobile company : चीनी मोबाइल कंपनियां OnePlus, iQOO और Poco पर मनमानी करने का आरोप लगाकर इनके लाइसेंस को रद्द करने की मांग की गई है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) ने केन्द्रीय कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दखल देने की मांग की है। सरकार से मांग की है कि इन कंपनियों के लाइसेंस को रद्द किया जाए।

क्यों लाइसेंस रद्द करने की हो रही मांग?

चीनी कंपनियों OnePlus, iQOO और Poco पर आरोप है कि ये एंटी कंपिटिटिव प्रैक्टिस कर रही हैं, जिसकी वजह से अन्य कंपनियां/ब्रांड को नुकसान झेलना पड़ रहा है। मनीकंट्रोल के मुताबिक, AIMRAके संस्थापक और अध्यक्ष कैलाश लख्यानी ने कहा, “सीसीआई की रिपोर्ट और लगातार फॉलो-अप के बावजूद, ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन के साथ विशेष समझौते बनाए हुए हैं और खुदरा स्टोरों के माध्यम से उत्पादों को वितरित करने से इनकार करती हैं जो नियमों का उल्लंघन है।”

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कैलाश लख्यानी ने कहा कि स्थानीय व्यवसायों की सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापार प्रणाली को कायम रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ विशेष समझौते के साथ काम कर रही हैं, जो स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को नुकसान पहुंचाता है और सरकार को भी नुकसान पहुंचता है।

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किन कंपनियों की हुई शिकायत

– वनप्लस: ओप्पो के स्वामित्व में, चीनी कंपनी
– iQoo: विवो का एक उप-ब्रांड, अन्य चीनी कंपनी
– पोको: Xiaomi के स्वामित्व में, चीनी कंपनी

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AIMRA की तरफ से 27 सितंबर को सांसद प्रवीण खंडेलवाल को पत्र लिखकर कठोर कदम उठाने की मांग की गई है और कॉमर्स और वित्त मंत्रालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाने में मदद मांगी है। कैलाश लख्यानी ने यह भी कहा कि हाल ही में आई CCI रिपोर्ट में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और OEM के बीच एंटी एंटी कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिस का खुलासा हुआ है। हम उन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करना चाहते हैं जो भारत के लोकल कारोबारियों का समर्थन नहीं कर रही हैं और निष्पक्ष तरीके से व्यापार नहीं कर रही हैं।

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Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Oct 01, 2024 09:41 PM

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