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Explainer: क्यों खिसकने लगा है दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग? बहुत बड़ा संकट!

Antarctica Iceberg: पिघलने की वजह से इसका साइज भी कम हो रहा है जिससे स्पीड बढ़ रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह छोटा होने की वजह से आगे चलकर टूटकर अलग-अलग भी हो सकता है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Nov 27, 2023 17:06
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Antarctica Iceberg Breaks: दिल्ली शहर से तीन गुना बड़े आइसबर्ग यानी हिमखंड ने पिघलना शुरू कर दिया है। यह न्यूयार्क शहर से 3 गुना और ग्रेट लंदन से 2 गुना बड़ा है। इसका नाम A23a है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग है जो टूटकर दक्षिणी महासागर की तरफ बढ़ रहा है। यह अब अंटार्कटिका से दूर जाने लगा है। यह आइसबर्ग क्षेत्रफल में 4 हजार वर्ग किलोमीटर का है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तीन दशकों बाद पहली बार इसने खिसकना शुरू कर दिया है। पिछले 37 साल से इसमें किसी तरह की मूवमेंट नहीं देखी गई थी। इसके खिसकने की वजह जलवायु परिवर्तन बताई जा रही है और इसे दुनिया के सामने एक बड़ा संकट भी कहा जा रहा है।

इस आइसबर्ग का वजन 1 ट्रिलियन मीट्रिक टन है। इसकी मोटाई 400 मीटर है। तेज हवाओं और धाराओं की वजह से यह तेजी से तैर रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने बड़े आइसबर्ग को हिलते हुए देखना बहुत दुर्लभ है। वैज्ञानिकों की इसपर करीबी नजर है। यह 1986 में अंटार्कटिका से टूटकर अलग हुआ था, लेकिन तबसे अभी तक स्थिर ही था यानी इसमें हलचल नहीं हो रही थी। पिघलने की वजह से इसका साइज भी कम हो रहा है जिस वजह से स्पीड बढ़ रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह छोटा होने की वजह से आगे चलकर टूटकर अलग-अलग भी हो सकता है।

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एक साल से हो रहा था अलग

अंग्रेजी समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के रिमोट सेंसिंग विशेषज्ञ एंड्रयू फ्लेमिंग ने बीबीसी को बताया कि हिमखंड एक साल से अलग हो रहा था और ऐसा लगता है कि अब इसमें गति आ गई है। “मैंने कुछ सहकर्मियों से इस बारे में पूछा, यह सोच कर कि क्या इसकी वजह पानी के तापमान में कोई संभावित बदलाव था, लेकिन आम सहमति यह है कि अब समय आ गया है।”

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कब देखी गई पहली बार हलचल

संभावना है कि यह हिमखंड के दक्षिणी महासागर की तरफ बढ़ेगा। यह 2020 से आगे बढ़ रहा है। फ्लेमिंग ने कहा, “यह 1986 से रुका हुआ था, लेकिन यह आकार में इतना कम हो गया कि इसकी पकड़ खो गई और हिलना शुरू कर दिया। मैंने 2020 में इसमें पहली बार हलचल देखा था। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के ग्लेशियोलॉजिस्ट ओलिवर मार्श ने रॉयटर्स को बताया, “समय के साथ यह शायद थोड़ा पतला हो गया है और इसमें थोड़ी अतिरिक्त उछाल आ गई है, जिसने यह समुद्र तल से ऊपर उठने लगा है और समुद्री धाराओं से चलने लगा है।

वन्यजीवों पर हो सकता है बड़ा खतरा

हो सकता है कि यह दक्षिण जॉर्जिया द्वीप पर जमींदोज हो जाए। इस वजह से क्षेत्र के वन्यजीवों पर खतरा हो सकता है। यह द्वीप लाखों सील, पेंगुइन और समुद्री पक्षियों के लिए प्रजनन स्थल और चारागाह के रूप में कार्य करता है। ऐसी ही चिंता 2020 में A68 आइसबर्ग को लेकर पैदा हुई थी, लेकिन यह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट गया। इस वजह से तबाही नहीं हुई थी। इस आइसबर्ग के साथ भी ऐसा ही हो सकता है।

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First published on: Nov 27, 2023 01:35 PM

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