Rajasthan vidhan sabha chunav result 2023: हर बार की तरह राजस्थान में इसबार भी सरकार बदल गई। पिछले 30 सालों से ऐसा ही हो रहा है। राज्य में हर 5 साल पर दूसरी पार्टी सत्ता में आ जाती है। इसे ‘रिवॉल्विंग डोर’ नीति कहा जाता है। हमेशा की तरह कांग्रेस इसबार चाहे चुनाव जीतने के कितने ही दावे कर रही थी लेकिन भीतर तो उसे पता ही था कि सत्ता में आना इतना आसान नहीं है। इसकी एक वजह तो सत्ता विरोधी लहर भी है। दूसरा पेपर लीक, भ्रष्टाचार, कन्हैयालाल हत्याकांड, नेताओं में आपसी कलह आदि कई ऐसे कारण रहे जिसने उसका सत्ता गंवाना आसान बना दिया।
राज्य की 199 सीटों के लिए आज हो रहे मतगणना में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। बीजेपी 116 सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस 68 सीटों पर आगे है। सीएम गहलोत ने हार स्वीकार कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी चुनाव जीत गई हैं। सीएम अशोक गहलोत अपनी सरदारपुरा सीट से चुनाव जीत गए हैं।
कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती
राज्य में सिर्फ दो ही बड़ी पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी हैं और इनके सिवा किसी और की सरकार नहीं रही। राज्य में हर 5 साल के अंतराल पर सरकार बदल जाना ही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी। वहीं यह बीजेपी के लिए फायदेमंद रही।
1998 के बाद से कांग्रेस के अशोक गहलोत और बीजेपी की वसुंधरा राजे अपनी अपनी पार्टी के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे। पार्टी द्वारा लंबे समय से नजरअंदाज किए जाने के बावजूद राजे सबसे बड़ी नेता अभी भी बनी हुई हैं।
2018 में किसे मिलीं कितनी सीट
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी 200 सीटों में से 100 सीटों पर जीत मिली थी तो वहीं बीजेपी को 73 सीटें मिली थीं। हालांकि इसके पहले के चुनाव में बीजेपी को 163 सीटें मिली थीं। निश्चित तौर पर इस जीत का असर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। कुछ लोग इस जीत को मोदी मैजिक का कमाल भी मान रहे हैं।
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