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Explainer: पहली बार नहीं गिरी है MPs पर गाज; राजीव गांधी के PM रहते भी 63 एक साथ हुए थे सस्पेंड, जानें कब-कब हुआ ऐसा

Member Of Pariament Suspension : संसद में हंगामे के बाद सांसदों के निलंबन की घटना पहली बार नहीं घटी है। इससे पहले की ऐसी बहुत सी घटनाएं भी समय-समय पर चर्चा में रही हैं। जानें अब से पहले के बड़े निलंबनाें के बारे में...

Edited By : Balraj Singh | Updated: Dec 18, 2023 23:02
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नई दिल्ली: संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी की वारदात के बाद पिछले हफ्तेभर से देश में माहौल बना हुआ है। इसी बीच इस मसले को लेकर संसद में भी हंगामा मचा हुआ है और हंगामा खड़ा करने वाले 92 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें से लोकसभा के 33 और  राज्यसभा के 45 सदस्यों पर तो कार्रवाई सोमवार को एक ही दिन में हुई है। इसी के साथ यहां बात भी उल्लेखनीय है कि संसद में इस तरह की कार्रवाई हुई है। इससे पहले भी इस तरह एक साथ बहुत से सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राजीव गांधी की सरकार में 63 सांसदों के निलंबन की घटना भी अपने आप में एक इतिहास है। इसके अलावा भी समय-समय पर संसद के दोनोंसदनों में ऐसी कार्रवाई होती रही है।

2012 से अब तक के बड़े निलंबन

  • 24 अप्रैल 2012 को तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग करने की मांग कर रहे हंगामा करने वाले तेलंगाना क्षेत्र के 8 कांग्रेस सांसदों को चार दिन के लिए सस्पेंड किया गया था।
  • 23 अगस्त 2013 तेलंगाना के गठन का विरोध करने पर तत्कालीन अध्यक्ष मीरा कुमार ने 12 सांसदों को 5 दिन के लिए सस्पेंड किया था।
  • 13 फरवरी 2014 को तेलंगाना के मुद्दे पर फिर हंगामा हुआ तो स्पीकर मीरा कुमार ने 18 सांसदों को फिर सस्पेंड कर दिया।
  • 2 सितंबर 2014 को 9 सांसद पांच दिन के लिए सस्पेंड किए गए।
  • अगस्त 2015 को संसद के निचले सदन यानि लोकसभा की कार्यवाही में रुकावट पैदा करने पर 25 कांग्रेस सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड किया गया।
  • जनवरी 2019 में संसद में हंगामा हुआ तो तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने TDP और AIDMK के 45 सांसदों को निलंबित किया था। उसी साल नवंबर में जब ओम बिरला स्पीकर थे तो उन्होंने कांग्रेस के दो सांसदों को सस्पेंड कर दिया था।
  • 5 मार्च 2020 को कांग्रेस के 7 लोकसभा सदस्य को पूरे बजटसेशन के दौरान सस्पेंड रहे।
  • 20 सितंबर 2020 को अमर्यादित व्यवहार के आरोप में 21 सितंबर को राज्यसभा के 8 सांसदों पर कार्रवाई की गई।
  • 29 नवंबर 2021 को सिक्योरिटी गार्ड्स पर हमला करने के चलते राज्यसभा के 12 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड रखा गया।
  • 26 जुलाई 2022 को महंगाई और आम जरूरत की चीजों पर GST लगाने का विरोध कर रहे राज्यसभा के 19 सांसदों को पूरे सत्र के निलंबित किया गया।

यह भी पढ़ें: संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 92 सांसद निलंबित, जानें किस वजह से हुई कार्रवाई

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शुरुआती राजनीति की ये घटनाएं भी हैं चर्चा का विषय

  • 3 सितंबर 1962 को राज्यसभा सदस्य गोदे मुरहारी को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था।
  • 25 जुलाई 1966 को गोदे मुरहारी को एक हफ्ते के लिए फिर से निलंबन झेलना पड़ा, वहीं उनके साथ राज नारायण को निलंबित कर दिया गया था। उसी साल 10 सितंबर को भूपेश गुप्ता और गोदे मुरहारी को एक दिन के लिए निलंबित किया गया। गोदे का यह तीसरा निलंबन था।
  • गोदे मुरहारी की तरह राज नारायण भी कई बार संसद से निलंबित रहे। दूसरी बार 12 अगस्त 1971 को तो तीसरी बार 24 जुलाई 1974 को पूरे सत्र के दौरान वह सस्पेंड रहे।

यह भी पढें: कांग्रेस के प्रचार में डोनेशन के बाद पार्टी अध्यक्ष खड़गे बोले, ‘एक महीने की तनख्वाह गई’; BJP ने कहा-Moye Moye

फिर 1989 में ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट पर मचा बवाल

बात 1989 की है, जब प्रचंड बहुमत के बाद राजीव गांधी कांग्रेस की सरकार चला रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के मामले की जांच कर रहे ठक्कर कमीशन ने अपनी रिपोर्ट सौंपी तो संसद में बवाल मच गया। इसके बाद चार सांसदों ने वॉकआउट कर दिया था तो 63 सांसदों को एक हफ्ते के लिए संसद से निलंबित भी कर दिया गया था।

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Dec 18, 2023 10:58 PM

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