Who Was Bhojpuri First Heroine: भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत साल 1963 में की गई थी. पहली फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ को रिलीज किया गया था. फिल्म ने भले ही खास कमाई नहीं की गई थी लेकिन इसे लोगों ने काफी पसंद किया गया था और इसी के जरिए भोजपुरी सिनेमा की नींव रखी गई थी. हालांकि, उस समय हिंदी फिल्मों में भोजपुरी गानों को प्रचलन जरूर था. लेकिन, इसकी शुरुआत भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के कहने पर रखी गई थी. इसके बारे में करीब सभी जानते होंगे लेकिन, बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि भोजपुरी सिनेमा की पहली हीरोइन कौन थीं. चलिए आज हम आपको बताते हैं.
भोजपुरी फिल्मों का इतिहास कोई बहुत पुराना नहीं है. इसकी नींव रखने के लिए दो लोगों को श्रेय जाता है. पहला पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और दूसरा नजीर हुसैन को. नजीर हुसैन अपने जमाने के जाने माने अभिनेता ही नहीं फिल्ममेकर भी रहे थे. चूंकीं हिंदी फिल्मों में भोजपुरी गानों का प्रचलन था और पूर्व राष्ट्रपति भोजपुरी भाषी थे तो उन्होंने जब नजीर से मुलाकात की तो भोजपुरी फिल्में बनाने की इच्छा जाहिर की. तब उन्होंने उनकी इच्छा को आगे ले जाने का फैसला किया और फिर तमाम मुश्किलों के बाद भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ रिलीज की गई. जब नजीर ने इसे बनाने का फैसला किया था तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे और ना ही कोई फाइनेंसर था. मगर जैसे तैसे ये 3 साल में बनकर तैयार हो गई और जब रिलीज किया गया तो इसे उतना नहीं मगर ठीक ही रिस्पांस मिला.
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कौन थीं भोजपुरी की पहली हीरोइन?
बहरहाल, अगर भोजपुरी की पहली हीरोइन के बारे में बात की जाए तो इसमें नजीर हुसैन ने खुद एक्टिंग की थी. वहीं, लीड एक्टर के तौर पर अभिनेता आशिम कुमार को कास्ट किया गया था. लेकिन, इस फिल्म के लिए दो अभिनेत्रियों का कास्ट किया गया था, जिसमें से एक ने डेब्यू किया था और आगे चलकर हिंदी फिल्मों की टॉप एक्ट्रेस बनी थीं. पहली कुमकुम और दूसरी पद्मा खन्ना. इस मूवी से पद्मा खन्ना को लोगों ने काफी पसंद किया गया था. इस तरह से भोजपुरी को पहली हीरोइन के तौर पर पद्मा खन्ना मिली थीं.
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‘रामायण’ में कैकयी बन खूब कमाया था नाम
भोजपुरी से डेब्यू करने के बाद पद्मा खन्ना ने टीवी से लेकर हिंदी फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय के जरिए खूब नाम कमाया. पद्मा एक बेहतरीन अदाकारा होने के साथ ही कथक डांसर भी थीं. बॉलीवुड में उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा फिल्मों में काम किया. पद्मा के खाते में फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ आई और इसमें उन्होंने एक कैबरे डांसर का रोल प्ले किया. यहां से वह कैबर डांसर बनकर लाइमलाइट में आईं. बाद में 70-80 के दशक में पद्मा खन्ना की झोली में ‘रामायण’ सीरियल आया, जिसमें उन्होंने कैकयी का रोल प्ले किया था और यहां से उनकी किस्मत चमक उठी थी. उन्हें आखिरी बार पर्दे पर साल 2008 में रिलीज हुई फिल्म ‘यार मेरी जिंदगी’ में देखा गया था. अब वह लाइमलाइट से दूर हैं.
कहां हैं पद्मा खन्ना?
बहरहाल, अगर बात की जाए तो पद्मा खन्ना कहां हैं? तो बताया जाता है कि एक्टिंग से दूरियां बनाने के बाद उन्होंने 1986 में फिल्म निर्देशक जगदीश सिडाना से शादी कर ली थी, जिसके बाद वह हमेशा के लिए अमेरिका चली गईं. बताया जाता है कि वह न्यू जर्सी में अपने परिवार के साथ एक ‘इंडियनिका डांस अकादमी’ चला रही हैं. हालांकि, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.
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