ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर 13 मार्च को सीरीज ‘एडोलसेंस’ के रिलीज होने के बाद से ही ये सुर्खियों में है। इस सीरीज को लेकर अब यूके के प्रधानमंत्री को भी डर सताने लगा है।नेटफ्लिक्स की नई क्राइम ड्रामा सीरीज ‘एडोलसेंस’ ने ब्रिटेन में जबरदस्त चर्चा बटोरी है। ये शो एक 13 वर्षीय लड़के जैमी मिलर की कहानी दिखाता है, जिसे अपनी ही क्लासमेट की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है। इस शो ने दर्शकों के साथ-साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भी चिंता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री का कहना है कि ये शो समाज में बढ़ते एक गंभीर मुद्दे को उजागर कर रहा है, जिसे जल्द से जल्द समाधान करने की जरूरत है।
एडोलसेंस ने क्यों बढ़ाई पीएम की चिंता?
‘एडोलसेंस’ का निर्देशन फिलिप बारंटिनी ने किया है और इसे जैक थॉर्न व स्टीफन ग्राहम ने लिखा है। 13 मार्च को रिलीज होने के बाद से ये शो तेजी से लोकप्रिय हुआ और देखते ही देखते नेटफ्लिक्स पर दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले शो में शामिल हो गया। इस सीरीज की खास बात ये है कि ये किशोरों पर सोशल मीडिया और इंटरनेट इनफ्लूएंसर्स के बढ़ते बुरे प्रभावों को उजागर करता है।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि ये शो ब्रिटेन में उभरती हुई एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। स्टार्मर ने ये भी खुलासा किया कि वो खुद इस शो को अपने परिवार के साथ देख रहे हैं और इसे एक अहम सामाजिक मुद्दा करार दिया।
संसद और स्कूलों में दिखाया जाए एडोलेसेंस
शो के लेखक जैक थॉर्न ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि उनकी मंशा इस शो को सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव लाने के लिए बनाना था। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि ये शो स्कूलों में दिखाया जाए और संसद में भी इस पर चर्चा हो। ये एक ऐसा विषय है जो लगातार गंभीर होता जा रहा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’
थॉर्न का मानना है कि एडोलसेंस लोगों को सोचने और चर्चा करने पर मजबूर करेगा। उन्होंने कहा, ‘ड्रामा सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होता, ये समाज का आईना होता है। हमें उम्मीद है कि ये शो सरकार और समाज को इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करेगा।’
ब्रिटेनी सरकार की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भी माना कि युवाओं के बीच हिंसा और अपराध की बढ़ती घटनाओं पर सरकार की खास नजर है। उन्होंने बताया कि देशभर में पुलिस विभागों में रेप और यौन अपराधों से जुड़े मामलों के लिए विशेष टीमें तैनात की जा रही हैं। साथ ही 999 हेल्पलाइन पर ऐसे मामलों के लिए तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
स्टार्मर ने कहा कि इस समस्या को सिर्फ कानून-व्यवस्था के नजरिए से नहीं देखा जा सकता, बल्कि ये सांस्कृतिक बदलाव का भी मुद्दा है। उन्होंने संसद में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की बात कही और समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की।
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