Sudesh Lehri Struggle Story: सुदेश लहरी (Sudesh Lehri) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में ये कामयाबी हासिल की है। कॉमेडियन ने कई शोज और फिल्मों में भी अपना जलवा दिखाया और बार-बार फैंस का दिल जीत लिया। लेकिन क्या आप जानते हैं हमेशा मुस्कुराने और लोगों को अपने जोक्स से गुदगुदाने वाले सुदेश लहरी का जीवन इतना भी आसान नहीं था। उन्होंने एक वक्त पर चाय की दुकान तक पर काम किया है। तो चलिए आज कॉमेडियन के जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ा ये अहम किस्सा।
पिता शराब में उड़ा देते थे कमाई
बता दें, सुदेश का जन्म पंजाब के जलंधर में हुआ था। उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब वो एक टाइम के खाने के लिए दर-बदर भटका करते थे। उनके पिता महीने में बस 100-200 रुपए ही कमाते थे और वो भी अपनी शराब में ही खर्च दिया करते थे। जिसकी वजह से उन्होंने जल्द ही काम करना शुरू कर दिया। उस दौरान उनके पास सब्जी तक खरीदने के लिए फूटी कौड़ी नहीं हुआ करती थी। बस पानी और नमक के साथ रोटी खाकर उनका पूरा परिवार अपना गुजारा कर रहा था। एक बार तो सुदेश ने खुद बताया था कि उनके घर में सिर्फ एक चप्पल हुआ करती थी जिसे परिवार के सभी लोग पहना करते थे।
चाय के ठेले पर किया काम
इसी गरीबी के चलते सुदेश स्कूल तक नहीं जा पाए। आखिर में उन्हें पैसे कमाने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े। एक बार तो कॉमेडियन के परिवार ने उन्हें चाय की टपरी पर काम करने के लिए भेज दिया था कि वो कुछ पैसे कमा पाएं। कभी ये काम तो कभी जान-पहचान वालों से उधार मांग उन्होंने गुजारा किया। एक वक्त पर तो उनकी हालत इतनी खराब थी कि 2 रोटी के भी उनकी जिंदगी में लाले पड़ गए थे।उनके पास इतने भी पैसे नहीं हुआ करते थे कि वो 2 रोटी ही खा लें। ऐसे में नौबत तो घर बेचने तक की आ गई थी।
ट्रॉफी बेच कमाए पैसे
पॉपुलैरिटी हासिल करने के बाद भी कुछ खास बदलाव नहीं हुए। जब उन्हें पता चला कि वो अपना अवार्ड बेचकर 300 से 400 रुपए कमा सकते हैं तो उन्होंने ये काम भी कर डाला। अपने परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने अपनी ट्रॉफी भी बेच डाली। हालांकि, ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज 3’ में हिस्सा लेते ही सुदेश लहरी की किस्मत बदल गई। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक बड़े कॉमेडी शोज में काम किया और खूब दौलत- शौहरत कमाई।