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Exclusive: OTT के दौर पर क्या बोले Sooraj Barjatya? IIFA को बताया ग्रुप थेरेपी, निर्माताओं को दिए खास टिप्स

Sooraj Barjatya: सूरज बड़जात्या ने News24 से बातचीत में बताया कि राजमंदिर से उनका किस तरह एक बेहद यादगार सफर जुड़ा है। यहीं से उनका करियर बना है।

Author Reported By : kj.srivatsan Edited By : Ishika Jain Updated: Mar 9, 2025 14:13
Sooraj Barjatya
Sooraj Barjatya File Photo

Sooraj Barjatya: बॉलीवुड को ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ जैसी बेहतरीन फिल्में देने वाले सूरज बड़जात्या के साथ News24 की एक्सक्लूसिव बातचीत हुई। इस दौरान डायरेक्टर ने जयपुर और यहां पर एशिया के सबसे खूबसूरत राजमंदिर सिनेमा घर के साथ उनके यादगार सफर के बारे में बात की। साथ ही आईफा के 25 साल, जयपुर में आयोजन और बॉलीवुड में पिछले 50 सालों में आए उतार-चढ़ाव के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म और मल्टीप्लेक्स के चलते सिंगल स्क्रीन सिनेमा घरों पर हुए प्रभाव के बारे में भी बताया।

राजमंदिर से जुड़ा सूरज बड़जात्या का यागदार सफर

सूरज बड़जात्या ने News24 से बातचीत करते हुए कहा कि यहां जब ‘मैंने प्यार किया’ लगवाई थी, तब मुझे कहा था कि तुम्हारा ये हीरो बहुत हिट होगा और वैसा ही हुआ। ये बिल्कुल सही बात है कि जिसने जयपुर जाकर राजमंदिर सिनेमा घर में फिल्म नहीं देखी, उसका जयपुर आना अधूरा है। हम तो आज भी यही कहते हैं कि ये सिनेमा का मंदिर है, राजमंदिर है, जिसे हम सब निर्माता आज भी काफी मानते हैं। हम तो इतने बरसों से देख रहे हैं आज भी यहां वही एनर्जी, प्यार और लगाव है।

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आईफा से आती है ग्रुप एनर्जी

सूरज बड़जात्या ने कहा कि इस सिनेमाघर के साथ मेरी बहुत यादें हैं। ‘हम आपके हैं कौन’ फिल्म ने 75 हफ्ते यहां पूरे किए थे। यहां तो मेरा करियर बना है। हर फिल्म को यहां प्रदर्शित किया है। मेरे जैसे और कई फिल्म निर्माता हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत यहां से की है। बहुत सारी यादें जुड़ी हैं इससे। मैं यही कहना चाहूंगा कि आईफा जैसे कार्यक्रम मनाने चाहिए और सेलिब्रेट करना चाहिए, क्योंकि इससे एक ग्रुप थेरेपी होती है। ग्रुप एनर्जी आती है। जैसे आईफा जयपुर में हो रहा है, जयपुर वासियों से इतना प्यार मिल रहा है, बहुत हिम्मत मिल रही है कि सिनेमा आज भी जिंदा है।’

OTT के दौर पर डायरेक्टर ने कही बड़ी बात

उन्होंने आगे कहा, ‘लोग उसे देखना चाहते हैं। लोग एक्टर्स-एक्ट्रेसेस और म्यूजिक से प्यार करते हैं। ये बहुत बड़ी चीज हैं, जिसका हम फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। जिसे हम सेलिब्रेट भी कर रहे हैं। OTT के दौर पर सूरज बड़जात्या ने कहा कि ये तो बिजनेस है ऊपर नीचे सब चलता रहता है। कोई बिजनेस ऊपर होता है, तो कोई नीचे होता है। हमने सभी दौर देखे हैं, लेकिन सबसे जरूरी है कि फिल्में सही बननी चाहिए। आज फिल्मों में मार्केटिंग बहुत अहमियत ले रहा है। हिंदुस्तान में बहुत ज्यादा फिल्में बन रही हैं, तो सिंगल स्क्रीन क्यों नहीं चलनी चाहिए। पब्लिक भी यहीं आकर फिल्में देखना चाहती है।

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सिनेमा को समझना चाहिए आर्ट

बॉलीवुड में हुए बदलाव पर सूरज बड़जात्या ने कहा कि जो सबसे बड़ा बदलाव मुझे नजर आ रहा है, सिनेमा को आर्ट समझना चाहिए। बिजनेस से ज्यादा, जो निर्माता हैं उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि कितना लगाकर और कमाकर फिल्मों को बनाया है। ये जो आर्ट है, जोश जज्बे से बनती है। मैं सभी निर्माता से कहना चाहता हूं कि पहले दिन या दूसरे दिन कितना कलेक्शन हुआ? इसे धयान में ना रखकर सिर्फ अच्छी फिल्में बनाने पर ध्यान दें। तभी फिल्में बनती हैं। तभी राज मंदिर जैसा सिनेमाघर बनता है। ये एक जोश और पेंशन है। कहानी अच्छी हो तो फिल्में तो सब जगह चलती हैं।’

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Ishika Jain

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kj.srivatsan

First published on: Mar 09, 2025 02:13 PM

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