Salaar Review: साउथ के सुपरस्टार प्रभास की फिल्म ‘सालार’ रिलीज हो गई है। कबीलों का एक शहर खानसार, जिसका सरदार आजादी के बाद पार्लियामेंट में आकर इस शहर को भारत के नक्शे से सिर्फ इसलिए मिटा देता है, क्योंकि इस शहर की दीवारों के अंदर भारत के कानून लागू नहीं होंगे, मगर खानसार के कानून भारत की सरहदों में चलेंगे।
साल 2017 में खानसार की लगी स्टैंप वाले ट्रक या माल को रोकना पूरे देश में भूकंप ला सकता है। ऐसी कहानी गढ़ने के लिए, जो हौंसला चाहिए… वो प्रशांत नील ने दिखाया है और रचा खानसार का ऐसा संसार, जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे।
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कबीलों के साथ इस पर राज करने वाली सत्ता की कहानी
खानसार की कहानी कबीलों के साथ इस पर राज करने वाली सत्ता की कहानी है। इन कबीलों के सरदार हैं, जिसकी जितनी बड़ी जमीन खानसार के महल में उतना बड़ा ओहदा। खानसार का राजा मन्नार जब अपने बेटे वरधराजन मन्नार यानी वर्धा को अपना उत्तराधिकारी बनाने का मन बनाता है, तो सौतेले बेटे और कबीलों के दूसरे मुखिया मिलकर वर्धा को खत्म करने का प्लान बनाते हैं।
धोखा, छल, दोस्ती और दुश्मनी
वर्धा अपने बचपन के दोस्त देवा, जिसे वो सालार कहता है उसे रशिया, सर्बिया और खानसार की आर्मी के खिलाफ लड़ने के लिए अकेला बुलाता है। इस कहानी में आध्या है, जिसके भारत में उतरने के साथ ही किडनैप की कोशिशों से 25 साल से खानसार में रूकी हुई खूनी जंग अचानक फिर से शुरु जाती है। इस कहानी में देवा है, जिसकी विरासत में खानसार का भविष्य छिपा है। इस कहानी में धोखा है, छल है, दोस्ती है, दुश्मनी है और बहुत सारा खून है।
के.जी.एफ़ से नहीं कोई कनेक्शन
सच कहिए तो सालार का सीजफायर वन, गेम ऑफ थ्रोन्स जैसी कहानी खुद में समेटे हुए है, जिसमें सिंहासन हासिल करने के लिए हर कोई, हर किसी का दुश्मन है और इस कहानी को रचने के लिए प्रशान्त नील ने सब कुछ दांव पर लगा दिया है। सालार सीजफायर को के.जी.एफ़ की दुनिया से कनेक्ट करने वालों के लिए बुरी खबर है कि ना तो इस इसका के.जी.एफ़ से कोई कनेक्शन है ना इसमें यश का कोई कैमियो है।
खानसार से लोग क्यों डरे?
कहानी के तौर पर पहले हिस्से में आप उलझे-उलझे से रहते हैं, क्योंकि समझने में वक्त लगता है कि आखिरकार खानसार से लोग डरे क्यों है, उसकी मोहर देखकर सबके पसीने क्यों छूट रहे हैं, देवा खामोश क्यों है, आध्या का कनेक्शन क्या है….ऐन इंटरवल के पहले, जब प्रभास का एक्शन ब्लॉक आता है, तो कहानी का पहला सिरा आपके पकड़ में आता है। सेकेंड हॉफ में कहानी की परतें खुलनी शुरु होती है और एक्शन अपने उफान पर आता है और क्लाइमेक्स तक पहुंचते-पहुंचते आप समझने लगते हैं कि सालार की कहानी, कई हिस्सों में बुनी गई है।
उग्रमम की झलक है सालार
अब आइए सालार की दुनिया पर, जिसे प्रशांत नील के सपनों के हिसाब से गढ़ा गया है। हां, सालार में प्रशान्त नील की ही उग्रमम की झलक है… लेकिन ये उससे बहुत अलग भी है। खानसार की दुनिया को जैसे सजाया गया है, वो आपको हैरान कर देता है। जैसे ऑटोमैटिक वैपन्स फिल्म में इस्तेमाल किए गए हैं, वो बताता है कि इस फिल्म के लिए किस लेवल पर तैयारी की गई है।
प्रभास ने दिखाया दमदार एक्शन
प्रशान्त नील ने सालार में खानसार के दो युवराजों को जिस तरह से आमने-सामने खड़ा किया है, उसने देवा बने प्रभास और वर्धा बने पृथ्वीराज सुकुमारन दोनों की परफॉरमेंस में जान ला दी है। देवा के किरदार में प्रभास के इमोशन्स बहुत शानदार है और एक्शन तो ऐसा है कि आप को एक सेकेंड के लिए भी नहीं लगेगा कि आखिर एक अकेला शख्स पूरी आर्मी को धूल में कैसे मिला सकता है। प्रशांत नील ने प्रभास को वो किरदार दिया है, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत थी।
सालार सीजफायर पार्ट-1 को 3.5 स्टार
पृथ्वीराज सुकुमारन ने हर सीन में सबको हैरान किया है, उनका लेयर्ड कैरेक्टर सालार सीजफायर पार्ट वन में मिस्टीरियस है, तो सालार पार्ट में उसकी परतें खुलेंगी। यही आध्या का कैरक्टर निभा रही श्रुति हसन के साथ है, पहले पार्ट में श्रुति का काम अच्छा है, सेकेंड पार्ट में उनके किरदार के लिए काफी गुंजाइश है। ईश्वरी राव, देवा के मां किरदार में जब परदे पर आती हैं, उनकी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस से आप नजरें नहीं हटा सकते। जगपती बाबू और श्रिया रेड्डी अपने-अपने किरदार में बहुत जानदार है। सालार सीजफायर देखने के बाद आपको लगेगा फिल्म में बहुत कुछ और बताया जाना था और इसीलिए मेकर्स ने सालार शौर्यांगा पर्वम का ऐलान क्लाइमेक्स में ही कर दिया है, जिसका सबको बेसब्री से इंतजार रहेगा। सालार सीजफायर पार्ट-1 को 3.5 स्टार।