हाल ही में दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने ये कहकर सभी को चौंका दिया था कि उन्होंने अपनी चोट से उबरने के लिए खुद का पेशाब पिया था। अब 90 के दशक की फेमस एक्ट्रेस अनु अग्रवाल भी उनके समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने न सिर्फ परेश की बात को सही बताया, बल्कि खुद भी इस प्रेक्टिस को करने की बात स्वीकार की है। आइए जानते हैं क्या कहा अनु अग्रवाल ने इस चौंकाने वाले दावे पर।
अनु अग्रवाल ने भी किया दावा
मुंबई में एक इवेंट के दौरान अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने कहा कि लोगों को इस पुरानी योग पद्धति की जानकारी नहीं है, जबकि ये हजारों सालों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि पेशाब पीने की प्रक्रिया योग में ‘आमरोली मुद्रा’ के नाम से जानी जाती है और ये सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक गहन चिकित्सा विधि है।
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अनु ने बताया कि उन्होंने खुद इस अभ्यास को अपनाया है और इसका प्रभाव उन्होंने अपनी त्वचा और स्वास्थ्य पर देखा है। उन्होंने ये भी साफ किया कि पूरे पेशाब को नहीं पीया जाता, बल्कि सिर्फ उसका एक विशेष हिस्सा सेवन किया जाता है, जिसे ‘अमृत’ माना जाता है। उनके मुताबिक, इससे त्वचा जवान रहती है, झुर्रियां नहीं पड़तीं और शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है।
अनु अग्रवाल ने बताए यूरिन पीने के फायदे
जब अनु से इस विषय पर वैज्ञानिक प्रमाण की बात की गई तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि विज्ञान को अभी सिर्फ 200 साल ही हुए हैं जबकि योग की परंपरा 10,000 साल पुरानी है। उन्होंने कहा, ‘अब फैसला आपको करना है कि किसकी बात पर विश्वास करना है।’
परेश रावल ने किया था चौंकाने वाला दावा
इससे पहले परेश रावल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार वो मुंबई के नानावटी अस्पताल में इलाज करा रहे थे जब दिवंगत एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन ने उन्हें पेशाब पीने की सलाह दी थी। वीरू देवगन ने कहा था कि कई फाइटर्स ऐसा करते हैं और इससे शरीर में कोई दिक्कत नहीं होती।
परेश ने इस सलाह को अपनाते हुए 15 दिनों तक सुबह-सुबह पेशाब को ‘बीयर की तरह’ घूंट-घूंट कर पीया। उन्होंने दावा किया कि इसके बाद जब उनकी एक्स-रे रिपोर्ट आई तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। उन्हें पहले दो महीने बाद छुट्टी मिलनी थी, लेकिन वो सिर्फ डेढ़ महीने में ही ठीक हो गए।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
हालांकि सोशल मीडिया पर इस पर जमकर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे अंधविश्वास कहा तो कुछ ने इसे पर्सनल अनुभव का नतीजा बताया। वहीं, डॉक्टर सायरैक फिलिप्स, जो ‘द लिवर डॉक’ के नाम से मशहूर हैं, उन्होंने इस प्रथा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पेशाब पीने के कोई वैज्ञानिक फायदे नहीं हैं और लोगों को ऐसे मशहूर चेहरों के बयानों से भ्रमित नहीं होना चाहिए।
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