Kota Factory Star Cast Nickname: कोटा फैक्ट्री ने फिर उन पुरानी यादों को ताजा कर दिया है, जिसमें स्टूडेंट्स से जुड़ी जर्नी, स्ट्रगल और एजुकेशन प्रेशर को शानदार तरीके से वेब सीरीज में परोसा गया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं TVF की क्रिएशन ‘कोटा फैक्ट्री’ की जिसके दोनों सीजन ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। अब तीसरा सीजन रिलीज होने वाला है। इससे पहले हम ‘कोटा फैक्ट्री’ की डेप्थ में जाएं और बताएं कि तीसरे सीजन में क्या खास होने वाला है? जानते हैं सीरीज की स्टार कास्ट के दिलचस्प निकनेम जो उन्होंने एक पॉडकास्ट के दौरान रिवील किए।
मयूर मोरे ने बताया अपना निक नेम
आपको बता दें कि ‘कोटा फैक्ट्री 3’ नेटफ्लिक्स पर कल यानी 20 जून को रिलीज हो रही है। ऐसे में सीरीज की पूरी स्टार कास्ट एक पॉडकास्ट में शामिल हुई, जहां उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ा दिलचस्प किस्सा शेयर किया। दरअसल, शो के होस्ट ने कोटा फैक्ट्री की स्टार कास्ट से पूछा कि कॉलेज में सभी का निकनेम होता है। आप लोगों के भी रहे होंगे। तो क्या आप हमें बता सकते हैं? इस पर सीरीज में वैभव का किरदार निभा रहे एक्टर मयूर मोरे ने अपना निकनेम बताया तो सभी हंस पड़े। उन्होंने कहा, ‘कॉलेज के दौरान मेरा निक नेम ‘पिकया’ था।’ उन्होंने इस नाम को रखने के पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा, ‘मेरे पापा के बाल सफेद थे। इसलिए लोग मुझे पिकया बुलाते थे।’
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जीतू भैया का निक नेम है काफी दिलचस्प
सीरीज में बालमुकुंद मीना का किरदार निभा रहे एक्टर रंजन ने कहा, ‘मुझे कॉलेज में सब रंजू या जॉन बुलाते थे।’ वहीं सीरीज में जीतू भैया का किरदार निभा रहे एक्टर जितेंद्र कुमार ने अपना निकनेम बताने के साथ एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। एक्टर बोले, ‘मुझे बचपन में खूंटी नाम दिया गया था। मैं बहुत पतला हुआ करता था। इसके अलावा कुछ लोग मुझे टहनी बुलाते थे। पेड़ की टनही।’ ये सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगते हैं।
एक्टर ने शेयर किया मजेदार किस्सा
इस दौरान जितेंद्र कुमार ने एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। एक्टर बोले, ‘मेरा एक दोस्त था जिसे लोग उसके पापा के नाम से जानते थे। उसके पापा का नाम बाबू लाल जी था। इसलिए हम सब उसे बाबू लाल बुलाने लगे।’ एक्टर ने आगे कहा, ‘एक दिन मैंने अपने दोस्त को कॉल करते हुए पूछा कि बाबू लाल बोल रहे हैं? सामने से आवाज आई कि हां बाबू लाल बोल रहा हूं। ये सुनकर मुझे हंसी आ गई। मैंने उनसे कहा कि नहीं आप बाबू लाल जी को बुलाओ। मैंने तुरंत फोन कट किया और सोचने लगा कि दोस्त की आवाज कैसे बदल गई?’