बॉलीवुड के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी रही हैं जो न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर गईं, बल्कि उन्होंने दशकों तक यादगार रिकॉर्ड भी कायम रखे। आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म की कहानी बताने जा रहे हैं जो दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौर में रिलीज हुई थी और महज 2 लाख की लागत में बनकर इतिहास रच गई थी। इस फिल्म का नाम था ‘किस्मत’ और इसके साथ ही शुरू हुआ भारतीय सिनेमा में ब्लॉकबस्टर फिल्मों का दौर।
आशोक कुमार बने देश के पहले सुपरस्टार
‘किस्मत’ 1943 में रिलीज हुई थी और इसके लीड रोल में थे उस समय के मशहूर अभिनेता आशोक कुमार। इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचा बल्कि आशोक कुमार को भी सुपरस्टार की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। फिल्म में उनकी हीरोइन थीं मुमताज शांति और दोनों की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री को खूब पसंद किया गया।
बोल्ड स्टोरीलाइन ने किया दर्शकों को चौंकाया
इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत थी इसकी कहानी, जो उस दौर के हिसाब से बेहद बोल्ड मानी जाती थी। एक अविवाहित लड़की के प्रेग्नेंट होने की कहानी और उसमें देशभक्ति का तड़का—ऐसे विषयों पर 1940 के दशक में बात करना भी बड़ी बात थी। लेकिन ‘किस्मत’ ने इस जोखिम को उठाया और दर्शकों ने इसे खुले दिल से अपनाया। फिल्म का गाना ‘दूर हटो दुनिया वालों, हिंदुस्तान हमारा है’ उस दौर का देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
थिएटर में लगातार 3 साल चली फिल्म
‘किस्मत’ की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोलकाता के रॉक्सी थिएटर में ये फिल्म पूरे 187 हफ्तों तक चली, यानी करीब 3 साल! और ये कोई छोटा रिकॉर्ड नहीं था, बल्कि इसने भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार इतना लंबा थिएटर रन दर्ज किया। इस रिकॉर्ड को तोड़ने में इंडस्ट्री को पूरे 32 साल लग गए।
2 लाख के बजट ने कमाए 1 करोड़
इतनी बड़ी कामयाबी के पीछे जब लोग फिल्म का बजट सुनते हैं तो हैरान रह जाते हैं। ‘किस्मत’ का निर्माण महज 2 लाख में हुआ था, जो उस वक्त भी एक सीमित रकम मानी जाती थी। लेकिन इस फिल्म ने करीब 1 करोड़ की कमाई की और उस दौर में ये एक अविश्वसनीय आंकड़ा था।
कई भाषाओं में हुआ रीमेक
‘किस्मत’ की अपार सफलता ने इसे अन्य भाषाओं में भी पहुंचा दिया। इस फिल्म का तमिल और तेलुगु में भी रीमेक बना, जिसने वहां भी अच्छा प्रदर्शन किया। ये फिल्म सिर्फ एक ब्लॉकबस्टर नहीं बल्कि एक आंदोलन बन गई थी जिसने भारतीय सिनेमा की दिशा ही बदल दी।
महज दो लाख के बजट में बनी ये फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई। इसने ना सिर्फ रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि नए रिकॉर्ड स्थापित किए, जिन्हें तोड़ने में दशकों लग गए। ‘किस्मत’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, ये उस दौर की सोच से आगे बढ़कर बनाई गई एक क्रांतिकारी कोशिश थी जिसने भारतीय फिल्मों के भविष्य की नींव रखी।
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