कंवलजीत ने कहा, ‘मेरे दोनों बेटे और पत्नी ने फिल्म देखी। वो जानते हैं कि ये किरदार मेरी असली जिंदगी से बिल्कुल उलट है। हालांकि, वो थोड़े हैरान थे लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिससे मुझे शर्मिंदगी महसूस हो। मैंने जो किया, उसे लेकर मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे ये रोल बहुत पसंद आया।’
उन्होंने ये भी बताया कि क्योंकि Mrs एक महिला निर्देशक ने बनाई है, इसलिए फिल्म में संवेदनशीलता को अच्छे से दिखाया गया है। उनका मानना है कि अगर फिल्म का निर्देशन पुरुष निर्देशक ने किया होता तो शायद वो मुद्दे उतने प्रभावी तरीके से न उठाए जा सकते।
फिल्म के मैसेज पर कंवलजीत का रिएक्शन
कंवलजीत सिंह ने ये भी कहा कि वो फिल्म को एक शीशे की तरह मानते हैं, जो समाज को उसके असल रूप में दिखाती है। उन्होंने साफ किया कि ‘हम इस फिल्म के जरिए कुछ भी प्रचारित नहीं कर रहे। हम बस समाज के सामने सच दिखा रहे हैं। हमें ये दिखाना है कि ये हो रहा है और हमें इसे बदलने की जरूरत है। ये एक खराब चक्र है, जो चलता ही जा रहा है। हम सबको इसे तोड़ने की कोशिश करनी चाहिए।
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका परिवार बहुत लिबरल था। वो एक छोटे शहर से आते हैं, जहां उनके पिता ने खुद ही सुबह अपनी और उनकी मां के लिए चाय बनाई है। उन्होंने कहा कि तब मुझे अजीब लगता था जब मैं अपने दोस्तों के घर जाता और वहां कुछ अलग महसूस करता था, जो हमारे घर में नहीं था। छोटे शहरों में ज्यादातर घरों में ऐसी ही सोच होती है।
‘टॉक्सिक फेमिनिज्म’ के आरोपों पर बोले एक्टर
फिल्म को लेकर कुछ दर्शकों ने इसे ‘टॉक्सिक फेमिनिज्म’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और ये भी कहा कि फिल्म में पुरुषों को नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है, जिससे गलत संदेश जाता है। इस पर कंवलजीत सिंह ने जवाब देते हुए कहा, ‘हम इस फिल्म में किसी को कुछ सिखाने की कोशिश नहीं कर रहे। हम सिर्फ समाज को उसका असली चेहरा दिखा रहे हैं। ये एक तरह से एक सच्चाई है, जिसे हमें बदलने की जरूरत है।’
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