Manoj Bajpayee On Joining Politics: मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के मंझे हुए अभिनेता हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। इन दिनों वह अपनी आने वाली फिल्म जोरम को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। अभिनेता इस फिल्म का जोर-शोर से प्रमोशन कर रहे हैं। इस फिल्म की कहानी एक गरीब परिवार की है, जो कि आदिवासी समुदाय से आते हैं और सिस्टम से लड़ाई लड़ने में जुटे हुए हैं। अपनी फिल्म के प्रमोशन को लेकर अभिनेता हाल ही में एक मीडिया संस्थान में पहुंचे थे, यहां उन्होंने अपने राजनीतिक प्लान के बारे में भी बात की है।
‘मैं फोन भी नहीं उठाता’
मनोज बाजपेयी ने कहा कि उनकी राजनीति में बहुत दिलचस्पी है। ऐसे में उनसे पूछा गया कि क्या वह भी सियासी मैदान में उतरेंगे। इसके जवाब में अभिनेता ने कहा, ’25 साल हो गए इस फील्ड में आए हुए। इस दौरान कई विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हुए। जब-जब चुनाव आते हैं मैं फोन उठाना बंद कर देता हूं, क्योंकि हर पार्टी से कुछ न कुछ निवेदन आते रहते हैं। हर बार वहां से कोई न कोई दोस्त मुझे फोन करके कंफर्म करता है कि कहीं मनोज बाजपेयी किसी पार्टी से चुनाव तो नहीं लड़ रहे हैं, क्योंकि वह भी किसी पार्टी से उस संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ रहा होता है। ऐसे में मुझे उसे दिलासा देना पड़ता है कि मैं नहीं आ रहा हूं।’
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‘पॉलिटिक्स में है बहुत रुचि है’
हालांकि मनोज बाजपेयी ने कन्फर्म कर दिया है कि वह कोई चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी वह अपने एक्टिंग करियर को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं। अभिनेता ने कहा मेरे बहुत सारे दोस्त हैं, जो मुझसे पूछते हैं कि मनोज भैया आपको क्या लगता है कि कौन जीतेगा, इसके अलावा पॉलिटिक्स पर हमारी बेहद गहराई से बातचीत होती है। पॉलिटिक्स को एनालाइज करने में और किसी पॉलिटिकल पर्सनालिटी की जर्नी को फॉलो करने में मेरी बहुत रुचि रहती है।’
क्या है फिल्म की कहानी
वहीं जोरम फिल्म की बात करें तो यह 8 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। पूरी फिल्म एक आदिवासी समुदाय की कहानी पर आधारित है। मनोज फिल्म की कहानी के बारे में बताते हैं कि फिल्म का किरदार ‘दसरू’ मुंबई शहर में अपनी पत्नी और छोटी बच्ची के साथ रहता है। किसी तरह मजदूरी के सहारे उसका जीवन चलता है। एक दिन काम से घर लौटता है और देखता है कि किसी ने उसकी पत्नी की हत्या कर दी है। इससे पहले दसरू कुछ समझ पाता कि अचानक ही उस पर भी हमला हो जाता है। यह फिल्म काफी दर्दनाक घटना पर बनाई गई है।