जावेद अख्तर, जो एक जाने-माने लेखक और गीतकार हैं, आज भले ही बॉलीवुड में एक बड़ा नाम हैं, लेकिन उनकी जिंदगी की शुरुआत काफी कठिन रही। उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर कई हिट फिल्में लिखीं और अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने में भी उनका बड़ा योगदान रहा। एक समय ऐसा भी था जब सलीम-जावेद की जोड़ी को हीरो से भी ज्यादा पैसे मिलते थे। हाल ही में मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने बताया कि उनकी जिंदगी में ऐसे दिन भी आए जब मरने की नौबत आ गई थी।
जब खाना और सोने की जगह भी तय नहीं थी
जावेद अख्तर ने कहा, “मैंने बहुत खराब दिन देखे हैं। सुबह उठने के बाद यह भी नहीं पता होता था कि खाना कहां से मिलेगा। नाश्ते की तो बात ही छोड़िए, मैं सोचता था कि दोपहर का खाना मिल पाएगा या नहीं। रात को कहां सोऊंगा, यह भी मालूम नहीं होता था।” उन्होंने बताया कि यह हाल कुछ दिन या महीने नहीं, बल्कि कई सालों तक रहा। उनके पास सिर्फ दो जोड़ी कपड़े थे- एक लॉन्ड्री में होता था और दूसरा पहनता था। मैंने कभी जिंदगी से हार मानने का नहीं सोचा। आत्महत्या जैसा ख्याल कभी नहीं आया।
भूख से बेहाल होने के बाद भी किसी से मदद नहीं मांगी
जावेद अख्तर ने बताया कि एक बार वह दो दिन से ज्यादा भूखे थे, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी किसी से खाना मांगने का नहीं सोचा, यहां तक कि महिम दरगाह के बाहर भी नहीं। उन्होंने कहा, “मैं भूख से वहीं मर सकता था, लेकिन मेरा आत्मसम्मान इतना था कि मैंने कभी किसी से कुछ मांगा नहीं। मुझे भरोसा था कि वक्त बदलेगा, और मैं जरूर सफल होऊंगा।”
सफलता की कहानी
जावेद अख्तर ने जंजीर, दीवार और शोले जैसी हिट फिल्में लिखीं और उन्हें खूब शोहरत मिली। वह सिर्फ फिल्में ही नहीं, बल्कि बेहतरीन गानों के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने साज, बॉर्डर, गॉडमदर, रिफ्यूजी और लगान जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखे और पाँच बार नेशनल अवॉर्ड जीता। हाल ही में उन्होंने फिल्म युधरा के लिए साथिया और हट जा बाजू जैसे गाने लिखे हैं।