India’s First Superstar Story: भारतीय सिनेमा में एक से बढ़कर एक दिग्गज सितारे रहे. देव आनंद, दिलीप कुमार, विनोद खन्ना, शशि कपूर, राज कपूर और 80 के दशक में अमिताभ बच्चन जैसे सितारों का नाम सिनेमा के इतिहास में स्टार एक्टर के तौर पर पहले लिया जाता है. लेकिन, सुपरस्टार शब्द का पहली बार इस्तेमाल जिसके लिए किया था वह 60 और 70 के दशक के जाने माने अभिनेता थे, जिनका जन्म का नाम जतिन चुन्नीलाल खन्ना था. मगर पर्दे पर उन्हें किसी और नाम से जाना गया. चलिए बताते हैं उनके बारे में.
दरअसल, आज हम आपको भारती सिनेमा के पहले सुपरस्टार के बारे में बता रहे हैं. 60-70 के दशक के बीच यह वो दौर था, जब फिल्मों के पोस्टर पर सिर्फ उनका चेहरा होना ही टिकट खिड़की पर भीड़ खड़ी कर देता था. उनकी मुस्कान, डायलॉग बोलने का अंदाज और स्क्रीन प्रेजेंस ने भारत में स्टारडम की परिभाषा ही बदल दी. आज के समय में शायद यह कल्पना करना मुश्किल हो कि एक स्टार के लिए सड़कों पर ट्रैफिक रुक जाए, लेकिन राजेश खन्ना के समय में यह एक आम बात मानी जाती थी.
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राजेश खन्ना ने दी थी 15 सोलो हिट
जी हां आपने एक दम सही पढ़ा. राजेश खन्ना ही पहले सुपरस्टार थे, जिसका असली नाम जतिन चुन्नीलाल खन्ना था. उनके नाम एक समय पर लगातार 15 सोलो हिट फिल्में देने का रिकॉर्ड दर्ज था, जिसे हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अनोखे रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज किया गया है. उस दौर में उन्होंने ‘आराधना’, ‘अमर प्रेम’, ‘कटी पतंग’, ‘सफर’, ‘आनंद’, ‘दुश्मन’ जैसी फिल्मों दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी.
उनकी फिल्मों में संजीव कुमार, शशि कपूर, देवानंद या राज कपूर जैसे नाम मौजूद थे, लेकिन लोकप्रियता के शिखर पर खड़े राजेश खन्ना की चमक सबसे अलग थी. दर्शकों को उनका रोमांटिक हीरो अवतार इतना पसंद आया कि हर नई फिल्म के साथ एक नया क्रेज पैदा हो जाता था. फैंस उन्हें अलग-अलग नामों से जानते थे. कोई उन्हें काका आरके शहजादा तो कोई द ऑरिजनल किंग ऑफ रोमांस बुलाता था.
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राजेश खन्ना का करियर
राजेश खन्ना ने 1965 में एक्टिंग में अपना डेब्यू किया था. उनकी पहली फिल्म ‘राज’ थी. IMDB की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हिंदी सिनेमा में सोलो एक्टर के तौर पर सबसे ज्यादा फिल्में और मल्टी स्टारर के तौर पर सबसे कम फिल्में करने का रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने पहली बार सफलता का स्वाद तब चखा था जब उनकी तीन फिल्में ‘आखिरी खत’, ‘राज’ और ‘औरत’ को रिलीज किया गया था और ये बड़ी हिट साबित हुई थीं. हालांकि, उन्होंने सुपर स्टारडम का स्वाद साल 1969 में शक्ति सामंथा की फिल्म ‘अराधना’ से चखा था. यहां से उनका क्रेज काफी बढ़ा और लोग उन्हें सुपरस्टार कहने लगे. 1969 से 1971 के बीच उन्होंने 17 हिट्स देकर नया रिकॉर्ड बनाया था.
7 साल तक बरकरार रखा था सुपरस्टार का टैग
राजेश खन्ना ने सुपरस्टार का टैग करीब 7 सालों तक अपने नाम बरकरार रखा था. अभिनेता ने ये टैग 1969-1977 तक अपने नाम रखा था. 3 साल में 17 हिट, 15 सोलो सुपरहिट देने वाले राजेश खन्ना के हाथ से ये टैग अमिताभ बच्चन की एंट्री के बाद धूमिल होने लगा था. यूं कहा जा सकता है कि बिग बी की एंट्री के बाद राजेश खन्ना का स्टारडम डगमगा गया था. 1970 के दशक के मध्य में जब एक नए तरह का एंग्री-यंग-मैन यानी कि अमिताभ बच्चन उभरकर सामने आए. तो हिंदी सिनेमा के टोन में बदलाव आने लगा. यह वह समय था जब इंडस्ट्री और समाज में काफी कुछ बदल रहा था.
बहरहाल, राजेश खन्ना अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी चर्चा में रहे. उन्होंने साल 1973 में डिंपल कपाड़िया से शादी की थी. इस शादी के बाद वह ट्विंकल खन्ना (पूर्व अभिनेत्री, लेखिका और अक्षय कुमार की पत्नी) के पिता बने, जिनका जन्म 1974 में उसी दिन हुआ था जिस दिन उनका जन्म हुआ था. इसके बाद उनकी दूसरी बेटी रिंकी का जन्म 29 जून 1977 को हुआ और वह भी अभिनेत्री बनीं, हालांकि उनका करियर ज्यादा दिन नहीं चला.
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