Independence Special Movies: स्वतंत्रता दिवस है तो आपको देशभक्ति से भरी फिल्मों का लुत्फ तो उठाना ही चाहिए। इन फिल्मों के बिना कहां आजादी का दिन एन्जॉय किया जा सकता है। तो आपको भी अगर अपना इंडिपेंडेंस डे सेलिब्रेट करना है तो कहीं से भी इन फिल्मों को ढूंढ निकालिए और एक के बाद एक लाइन से देख डालिए। तो चलिए जानते हैं लिस्ट में कौन-कौन-सी फिल्में मौजूद हैं?
Shershaah
सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की ये फिल्म एक बेहतरीन लव स्टोरी तो दिखाती ही है, लेकिन ये फिल्म कारगिल वॉर का वो मंजर भी आपके सामने पेश कर देगी जब भारत की रक्षा के लिए इंडियन आर्मी दुश्मन से भिड़ी थी। कितने लोगों ने अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी थी। ऐसे ही एक शख्स थे कैप्टन विक्रम बत्रा। ये फिल्म उन्हीं के जीवन पर आधारित है। कारगिल युद्ध में उन्होंने भारत को जीत दिलाई थी और पाकिस्तानी सैनिकों को अपने साहस से खदेड़ दिया था। इस दौरान वो शहीद हो गए लेकिन उन्हें परमवीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
Kesari
सारागढ़ी युद्ध में 21 बहादुर सिखों की ये लड़ाई देखकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी। इस फिल्म में अक्षय कुमार की एक्टिंग ने जान फूंक दी है। कुल 21 सिख जवानों ने 10 हजार अफगान सैनिकों को हार का सामना करवाया था। फिल्म में किले की दीवार टूटीं लेकिन बहादुर सिखों का हौसला कमजोर नहीं पड़ा। साथ ही इन्होंने अपनी पगड़ी का मान भी कम नहीं होने दिया। आखिर तक एक पगड़ी की क्या ताकत होती है और उसके क्या मायने होते हैं वो आपको देखने को मिलेगा। इन सभी शहीदों को सर्वोच्च पुरस्कार ‘इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया था।
Parmanu: The Story Of Pokhran
साल 1998 में पोखरण में भारतीय सेना ने जो परमाणु बम परीक्षण विस्फोट किए थे ये फिल्म उसी पर आधारित है। जॉन अब्राहम, डायना पेंटी और बोमन ईरानी फिल्म में उन अफसरों की कहानी सुनाते हैं जो अब तक शायद ही कोई जानता था। कैसे बिना किसी की नजर में आए ये टेस्ट किया गया ये फिल्म उस बारे में है, जो भारत को एक परमाणु राष्ट्र के रूप में स्थापित कर पाया।
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Sardar Udham
उधम सिंह की लाइफ पर बनी फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए। विक्की कौशल ने फिल्म में स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह की भूमिका निभाई है। फिल्म में दिखाया गया है कि उधम सिंह ने कैसे लंदन जाकर जलियांवाला बाग हत्याकांड का पूरा बदला लिया था। दरअसल, साल 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार को उन्होंने अपनी आंखों से देखा था और फिर उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना योगदान दिया।