Dev Anand: हिंदी सिनेमा के सदाबहार एक्टर देव आनंद के बारे में कौन नहीं जानता. देव साहब से जुड़े इतने किस्से हैं, जो कभी ना कभी किसी ना किसी की जुबान से सुनने को मिल ही जाते हैं. हालांकि, देव आनंद से जुड़े कुछ ऐसे भी किस्से हैं, जो शायद बहुत कम लोग जानते हैं. देव साहब उन लोगों में से थे, जो दूसरों का दर्द नहीं देख पाते थे. दूसरों को दर्द में देखने के बाद उन्हें खुद दर्द होता था और वो इसे महसूस करते हैं. आज हम आपको उनसे जुड़े एक ऐसे ही किस्से के बारे में बता रहे हैं. आइए जानते हैं…
इंडस्ट्री में आने के लिए की खूब मेहनत
दरअसल, ये किस्सा उस समय का है जब देव साहब की पहली कमाई हुई थी. देव साहब पहले से सुपरस्टार नहीं थे बल्कि उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी जगह बनाने के लिए खूब मेहनत की. बॉलीवुड में अपना स्टारडम जमाने के लिए जब देव साहब मुंबई आए, तो शुरू में उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. उस दौरान उनके पास ना तो रहने के लिए अच्छी जगह हुआ करती थी और ना ही खान के लिए पूरे पैसे.

पहली फिल्म की कमाई
देव साहब कई बार भूखे तक सोए, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हमेशा मेहनत करते गए. देव साहब की पहली फिल्म ‘हम एक हैं’ से उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा था. फिल्म की पहली कमाई के तौर पर उन्हें 400 रुपये बतौर फीस मिली थी, जो उनके लिए बहुत मायने रखती थी, लेकिन वो भी उनके पास ना रह सकी.
देव आनंद से नहीं देखा गया दर्द
उस वक्त हुआ कुछ ये था कि देव साहब अपनी शूटिंग खत्म करके वापस जा रहे थे. रास्ते में देव साहब की नजर एक बूढ़े और कमजोर भिखारी पर पड़ी, जो उस वक्त भूख से तड़प रहा था. देव साहब ने बिना कुछ सोचे ही अपनी पहली कमाई उन्हें दे दी.
देव साहब की दरियादिली
इसके बारे में जब देव आनंद के करीबियों को पता लगा तो उन्होंने कहा कि आपने अपनी पहली कमाई क्यों किसी को दी? इसके जवाब में देव साहब ने कहा कि पैसा तो मैं दोबारा कमा लूंगा, पर कोई भूख से तड़प रहा है, ये दर्द में नहीं देख सकता था. इसलिए मैंने वो पैसे उन्हें दे दिए. देव साहब की दरियादिली के किस्से हमेशा ही लोगों के दिलों को छूते रहे हैं.
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