Thangalan Movie Review: ( By Ashwani Kumar ) पिछले कुछ समय से साउथ सिनेमा का क्रेज दर्शकों और फैंस के ऊपर इस कदर सिर चढ़कर बोला है कि अब सिर्फ दक्षिण में ही बल्कि उत्तर भारत के भी दर्शक साउथ सिनेमा को बहुत पसंद कर रहे हैं। फिल्म ‘थंगलन’ इसका जीता-जागता उदाहरण है, जो 15 अगस्त को बाकी भाषाओं में रिलीज हुई और 6 सितंबर को हिंदी में रिलीज हुई है। इस फिल्म ने दर्शकों के बीच एक गहरी छाप छोड़ी है, खासकर उन लोगों के बीच जो साउथ सिनेमा से परिचित नहीं हैं।
कैसी है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी एक ऐतिहासिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य को उजागर करती है। ये कहानी तमिलनाडु के एक आदिवासी गांव की है, जहां चियान विक्रम ने मुख्य भूमिका निभाई है। थंगलन, विक्रम का किरदार, गांव वालों की दास्तान को बयां करता है जो ब्रिटिश साम्राज्य के दौर में सोने की तलाश में लगे हैं। कोलार गोल्ड फील्ड की खदानों में छिपे सोने की खोज ने पूरे गांव के जीवन को बदलकर रख दिया है।
थंगलन का संघर्ष और उसके परिवार की कहानी दर्शकों को 1850 के दशक की कड़ी वास्तविकताओं से रूबरू कराती है। आदिवासी समुदाय के लोगों को जमीन से बेदखल कर दिया गया है और उन्हें गुलामी की हालत में रखा गया है। थंगलन, अपनी पत्नी गंगम्मा और बच्चों के साथ इस दमन का सामना करता है और सोने की खोज के लिए एक अंग्रेज अफसर की मदद लेता है। फिल्म का नायक थंगलन, अपने बड़े बेटे अशोकन और कुछ गांव वालों के साथ पोन्नार नदी पार करता है, जो उसके संघर्ष और साहस का प्रतीक है।
बेहतरीन तरीके से हुआ फिल्म का निर्देशन
पा रंजीत के निर्देशन ने इस फिल्म को काफी भावुक तरीके के दर्शाने में मदद की है। उनका निर्देशन दर्शकों को अपने साथ लेकर चलता है। फिल्म की स्क्रिप्ट और सीन इतने प्रभावशाली हैं कि वो जातिवाद, सामाजिक असमानता और कुदरत के साथ संघर्ष की वास्तविकता को बखूबी दर्शाते हैं। विशेष रूप से, थंगलन का गांव से लौटते हुए और गांव की औरतों को ब्लाउज मिलने पर खुशी का सीन दिल छू लेने वाला है।
फिल्म का संगीत जी.वी. प्रकाश द्वार दिया गया है। हिंदी डब वर्जन में भी इसका संगीत प्रभावशाली है और दर्शकों को गहराई से छूता है। एडिटर सेल्वा की कुशलता ने फिल्म की गुणवत्ता को और बढ़ाया है, जिससे यह और भी आकर्षक बन गई है।
चियान विक्रम की एक्टिंग लगी कमाल
चियान विक्रम ने थंगलन और कादयान के किरदारों में जो प्रदर्शन किया है, वो वाकई में सराहनीय है। उनका अभिनय इतना गहरा और प्रभावशाली है कि ये राष्ट्रीय पुरस्कार के योग्य है। पार्वती थिरुवोथु ने गंगम्मा के किरदार में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, जबकि मालविका मोहन ने जादूगरनी आरती के मुश्किल किरदार को बखूबी निभाया है। अंग्रेज अफसर के रोल में डैनियल कैल्टागिरोन की उपस्थिति ने भी फिल्म में चार चांद लगाए हैं।
“थंगलन” साउथ सिनेमा की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो न सिर्फ पैन इंडिया में, बल्कि ग्लोबल सिनेमा में भी अपनी पहचान बना रही है। इस फिल्म ने सिनेमा प्रेमियों को एक नई दिशा दिखाई है और निश्चित ही यह फिल्म 4 स्टार की हकदार है।
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