गनोजी और कन्होजी शिरके के वंशजों ने फिल्म निर्माताओं से माफी की मांग की थी। उनका आरोप था कि फिल्म में इन दोनों ऐतिहासिक व्यक्तियों को नकारात्मक रूप में पेश किया गया है, जबकि वो छत्रपति संभाजी महाराज के वफादार सिपाही थे। गनोजी और कन्होजी के वंशज भुषण शिरके ने लक्ष्मण उत्तेकर से इस पर सफाई मांगी थी और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी देने का अनुरोध किया था।
लक्ष्मण उत्तेकर ने मांगी माफी
लक्ष्मण उत्तेकर ने इन आरोपों का जवाब दिया और भुषण शिरके से माफी मांगते हुए अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने बताया कि फिल्म में गनोजी और कन्होजी के उपनामों का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही उनके गांव का कोई नाम लिया गया है। उत्तेकर ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर इस फिल्म ने किसी को दुख पहुंचाया है तो मैं खेद प्रकट करता हूं।’
उत्तेकर ने फोन कॉल के जरिए भुषण शिरके से कहा, ‘मैंने आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस और संदेश देखा। मैं आपसे माफी मांगता हूं और इस पूरे मामले पर सफाई देना चाहता हूं। हमने केवल गनोजी और कन्होजी के नाम का उल्लेख किया है, बिना उनके सरनेम का जिक्र किए। हमारी मंशा शिरके परिवार की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी।’
शिरके परिवार ने दिया रिएक्शन
हालांकि शिरके परिवार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म में उनके पूर्वजों का गलत चित्रण किया गया है और ये ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से दिखाना है। लक्ष्मिकांत राजे शिरके, जो गनोजी और कन्होजी के 13वें वंशज हैं, उन्होंने फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने फिल्म के निर्देशक को एक नोटिस भेजा है और अगर हमारे वंशजों का सही चित्रण नहीं किया जाता तो हम 100 करोड़ रुपये का मानहानि केस दायर करेंगे।’
इसके अलावा शिरके परिवार ने पुणे पुलिस कमिश्नर से शिकायत भी दर्ज कराई है और फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। शिरके परिवार ने फिल्म में किए गए तथ्यों में बदलाव की भी मांग की है। वो ये भी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उनकी आपत्तियों का समाधान नहीं किया गया तो वो महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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