Chhaava Inside Story: विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘छावा’ 14 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसके बाद से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। सिर्फ पांच दिन में इस फिल्म ने 165 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर लिया है। यही नहीं फिल्म को देखने के बाद लोग विक्की कौशल की एक्टिंग की जमकर तारीफ कर रहे हैं। आज हम आपको ‘छावा’ के 5 किस्से जो अधूरेपन का एहसास कराते हैं। फिल्म देखने के बाद आपको गूगल से जानकारी लेनी पड़ सकती है।
राजाराम भोसले का किस्सा
फिल्म ‘छावा’ में छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद एक तरफ उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज को राजपाट सौंप दिया जाता है। मराठा साम्राज्य की राजमाता चाहती हैं कि संभाजी के चचेरे छोटे भाई राजाराम भोसले अगले छत्रपति बनें। इसके लिए वह साजिश भी रचती हैं। मुगलों से हाथ मिलाने की कोशिश करती हैं। फिल्म में अचानक उनकी मौत इस कारण को अधूरा छोड़ देती है कि वह ऐसा क्यों चाहती थीं?
यह भी पढ़ें: Chhaava के क्लाइमैक्स में क्या? क्यों फिल्म देखकर थम नहीं रहे दर्शकों के आंसू
औरंगजेब के बेटे अकबर का किस्सा
फिल्म में दिखाया जाता है कि औरंगजेब का बेटा मोहम्मद अकबर अपने पिता की जगह दिल्ली के तख्त पर बैठना चाहता है। वह छत्रपति संभाजी महाराज से मदद मांगता है। संभाजी महाराज उसका साथ न देकर उसे सुरक्षित रखने का वादा करते हैं। एक दिन अचानक अकबर, संभाजी की शरण छोड़कर चला जाता है। क्यों और कहां फिल्म में ये किस्सा भी अधूरा रह गया।
औरंगजेब का किस्सा
फिल्म ‘छावा’ में औरंगजेब का किरदार अक्षय खन्ना ने निभाया है। फिल्म में औरंगजेब की कहानी कहीं न कहीं अधूरी लगी है। किताबों में लिखा है कि औरंगजेब बिल्कुल क्रूर और निर्दयी इंसान था लेकिन फिल्म में उसका किरदार उसे थोड़ा असहाय दिखाता है। उसके बारे में कुछ और जानकारियां भी जोड़ी जा सकती थीं।
येसूबाई भोसले का किस्सा
फिल्म ‘छावा’ का कम ड्यूरेशन में रखने के चक्कर में मेकर्स काफी कुछ मिसिंग कर गए हैं। फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज की पत्नी येसूबाई भोसले पर्दे पर दमदार दिखी हैं लेकिन उन्हें स्क्रीन स्पेस कम मिला है। इस वजह से दर्शकों को उन्हें समझने और जानने का मौका भी कम मिला है। उनके इतिहास के बारे में जानने के लिए आपको गूगल पर सर्च करना पड़ सकता है।
छत्रपति संभाजी महाराज के बाद क्या?
छत्रपति संभाजी महाराज की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य को नए छत्रपति राजाराम भोसले मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि संभाजी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी येसूबाई को औरंगजेब ने कई साल तक कैद में रखा था। फिल्म ‘छावा’ जहां पर खत्म होती है, वहां एक अधूरापन महसूस होता है क्योंकि उसके बाद क्या हुआ ये कोई नहीं जानता।