बॉलीवुड की खूबसूरत और बेबाक अदाकारा लारा दत्ता ने बुधवार को अपना 47वां जन्मदिन मनाया। मिस यूनिवर्स बनने के बाद ग्लैमर की दुनिया में कदम रखने वाली लारा ने शुरुआत से ही एक अलग पहचान बनाई। न वो चमचागिरी करती थीं, न किसी को खुश करने के लिए झूठी मुस्कान ओढ़ती थीं। इंडस्ट्री में जहां हर कोई किसी न किसी की सिफारिश पर आगे बढ़ता है, वहीं लारा ने हमेशा अपनी शर्तों पर काम किया।
लारा दत्ता ने फिल्म अंदाज से की शुरुआत
लारा दत्ता ने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत फिल्म अंदाज से की, जहां उनके साथ प्रियंका चोपड़ा भी थीं। उस वक्त दोनों ही ब्यूटी पेजेंट की दुनिया से आई थीं- एक मिस यूनिवर्स, दूसरी मिस वर्ल्ड। शुरुआत में माना जा रहा था कि लारा ज्यादा बड़ी स्टार बनेंगी क्योंकि उनके पास अंदाज में ज्यादा मजबूत किरदार था। लेकिन वक्त ने करवट बदली और प्रियंका इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस बन गईं, जबकि लारा का करियर उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच सका जिसकी उम्मीद थी।
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लारा देती थीं बड़ी-बड़ी एक्ट्रेसेस को टक्कर
एक समय था जब लारा को प्रियंका की टक्कर की एक्ट्रेस कहा जाता था, जैसे पुराने जमाने में श्रीदेवी और जया प्रदा, हेमा मालिनी और लीना चंदावरकर की तुलना होती थी। हालांकि, लारा ने हमेशा इस तुलना को पॉजिटिव तरीके से लिया और माना कि हेल्दी कॉम्पीटिशन ने दोनों को बेहतर किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो कभी भी हर फिल्म में नजर आने वाली अदाकारा नहीं बनना चाहती थीं। उनका सपना था कि उन्हें भी एक दिन मदर इंडिया जैसी फिल्म में नर्गिस की तरह कोई मजबूत किरदार निभाने का मौका मिले।
लारा के अभिनय की भी हुई तारीफ
लारा की खूबसूरती के साथ-साथ उनकी अभिनय क्षमता भी काबिल-ए-तारीफ थी, लेकिन उन्हें इंडस्ट्री ने हमेशा अंडररेटेड ही रखा। उन्होंने चलो दिल्ली जैसी फिल्मों में दमदार परफॉर्मेंस दी, लेकिन वो रोल्स बहुत कम थे जो उनके टैलेंट के साथ न्याय कर सके। फिल्म इंडस्ट्री के ढांचे से नाखुश होकर उन्होंने खुद एक स्क्रिप्ट भी लिखी, जिसमें महिला किरदार को बराबरी का दर्जा दिया गया था। लेकिन अफसोस, वो फिल्म कभी बनी ही नहीं।
थिएटर में भी एक्टिव थीं लारा
अभिनय की शुरुआत करने से पहले ही लारा थिएटर में एक्टिव थीं और फिल्मों की दुनिया उनके लिए पूरी तरह नई थी। उन्होंने एक बार कहा था कि उन्होंने इंडस्ट्री के बारे में सिर्फ सुना था- न तो तैयारी की थी और न ही कोई गॉडफादर था। उन्होंने अंदाज जैसी फिल्में अपने इंस्टिंक्ट पर साइन की थीं। और हां, ये सच नहीं है कि अक्षय कुमार ने उन्हें फिल्म में लाने की सिफारिश की थी- निर्देशक सुनील दर्शन ने खुद ये कास्टिंग की थी।
लारा दत्ता की कहानी उन कलाकारों में से एक है जो हर मायने में काबिल थे लेकिन चमकते सितारे नहीं बन सके। फिर भी, उनके काम, सोच और आत्मसम्मान ने उन्हें लाखों दिलों में एक खास जगह दिलाई है। आज उनके जन्मदिन पर यही उम्मीद करते हैं कि लारा एक बार फिर स्क्रीन पर लौटें, क्योंकि बॉलीवुड को ऐसे कलाकारों की आज भी उतनी ही जरूरत है।
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