Amrish Puri Death Anniversary: डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता… तबादलों से इलाके बदलते हैं इरादे नहीं… मोगैंबो खुश हुआ… और जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी… इन सभी डायलॉग को पढ़ आपको समझ तो आ गया हो कि हम किसके बारे में बात कर रहे हैं। जी हां, आप सही समझे हम हिंदी सिनेमा के खूंखार विलेन अमरीश पूरी की बात कर रहे हैं, जिनकी आज डेथ एनिवर्सरी है। अभिनेता ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया है, नेगेटिव रोल से लेकर पॉजिटिव रोल तक वो हर किसी में फिट बैठे लेकिन विलेन के रोल में तो उन्होंने गदर ही मचा दिया।
40 की उम्र में किया डेब्यू
अमरीश पुरी का जन्म 23 जनवरी 1932 को नवांशहर पंजाब, ब्रिटिश इंडिया में हुआ था। अमरीश पुरी ने 40 साल की उम्र में सरकारी नौकरी को छोड़ फिल्मी दुनिया में आने का मन बना लिया और 1970 में फिल्म प्रेम पुजारी से एक्टिंग डेब्यू किया। एक्टर ने अपने फिल्मी करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और इस दौरान संस्कारी पिता, ईमानदार पुलिसवाला, सभ्य नागरिक से लेकर खूंखार विलेन तक के रोल प्ले किए।
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शूटिंग के दौरान हुआ भयंकर एक्सीडेंट
अमरीश पुरी के बेटे राजीव पुरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता का साल 2003 में ‘जाल: द ट्रैप’ की शूटिंग के दौरान भयानक एक्सीडेंट हो गया था। इस दौरान उन्हें काफी चोट आई थी और कथित तौर पर इलाज में कुछ गड़बड़ होने की वजह से उन्हें खून से संबंधित बीमारी मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम हो गया था। इसके बाद ब्रेन ट्यूमर हो गया, और एक्टर ने 12 जनवरी 2006 को दुनिया को अलविदा कह दिया।
निधन से पहले काम किया पूरा
अमरीश पूरी अपने काम को लेकर इतने ईमानदार और समर्पित थे कि उन्होंने मरने से पहले अपनी 5 फिल्मों को पूरा किया। दरअसल उनके बेटे ने बताया कि उन्हें साल 2003 में ही बीमारी का पता चला था, दिन-प्रतिदिन हालत खराब हो गई। अभिनेता ने 15 दिसंबर 2004 तक तबीयत खराब होने के बाद भी अपनी 5 अधूरी फिल्मों को पूरा किया – इस लिस्ट में ‘कच्ची सड़क’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘हलचल’, ‘किसना’ और ‘एतराज’ को पूरा किया।
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