Adnan sami: अदनान सामी ने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ दी और 2016 में भारतीय नागरिकता हासिल कर ली थी। उनके इस कदम को लेकर सीमा के दोनों लोगों ने सवाल उठाए।
पाकिस्तान में कुछ लोगों ने तो ये तक कहा कि- अदनान ने ऐसा पैसों के लिए किया है, लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू ने गायक-संगीतकार अदनान ने कहा कि कई लोगों ने उनकी लाइफ पर “अपनी बिना मांगी राय स्वेच्छा से” दी और अपने तरीके से बातें बनाईं।
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पैसा उनके लिए महत्व नहीं रखता- अदनान
अदनान ने कहा कि “पाकिस्तान में कुछ लोगों ने कहा कि मैंने भारत को इसलिए चुना, क्योंकि वहां अधिक पैसा है और मैं वहां अधिक पैसा कमा रहा हूं, लेकिन मैंने कहा कि ‘क्षमा करें, ऐसा कुछ भी नहीं हैं और क्या आप मेरे परिवार के बारे में जानते हैं? साथ ही उन्होंने कहा कि पैसा उनके लिए महत्व नहीं रखता है।
विरासत में मिली बहुत सी चीजें हैं, जो मैंने दे दी- अदनान
अदनान कहते हैं कि मुझे एक बहुत ही संपन्न, धनी परिवार में जन्म लेने और पालन-पोषण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पैसा अगर कुछ भी है, तो मैंने बहुत कुछ छोड़ दिया है, क्योंकि वहां (पाकिस्तान) से विरासत में मिली बहुत सी चीजें हैं, जो मैंने दे दी हैं।”
अदनान ने किया ये सवाल
इसके अलावा अदनान सामी ने सवाल किया कि लोगों के लिए यह स्वीकार करना इतना मुश्किल क्यों था कि वह “भारत से प्यार करते हैं” और “घर जैसा महसूस करते हैं।” यही वजह है कि वह यहां रहना चाहते थे। उन्होंने कहा कि “यहां मुझे जिस तरह का प्यार और सराहना मिली, उसने मुझे एक कलाकार के रूप में अभिभूत कर दिया।”
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मैं एक कलाकार हूं- अदनान
तेरा चेहरा गायक ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक परिदृश्य के कारण यह कदम एक बड़ी बात थी और कहा कि “मैं समझता हूं कि दोनों देशों के बीच दुश्मनी के कारण यह एक बड़ी बात क्यों है। यह एक राजनीतिक मुद्दा है, लेकिन मुद्दा यह है कि मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, मैं एक कलाकार हूं।”
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में 18 साल लगे
एक इंटरव्यू में अदनान सामी ने बताया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में 18 साल लग गए, लेकिन मैं यहां जो कहने की कोशिश कर रहा हूं वह यह है कि उन 18 सालों में मैंने इस बारे में दुनिया से कुछ नहीं कहा। मुझे दो बार रिजेक्ट किया गया।
पासपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज है- अदनान
मुझे अपनी मूल नागरिकता छोड़नी पड़ी और कुछ समय के लिए मैं राज्य विहीन हो गया। डेढ़ साल तक मैं किसी देश का नहीं रहा। पासपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज है, लेकिन मैं किसी भी देश के स्वामित्व में नहीं था और उस स्थिति में मैं यात्रा नहीं कर सकता था, मैं कुछ भी नहीं कर सकता था।”