अभिनेता आमिर खान ने आखिरकार उन ‘लव जिहाद’ के आरोपों पर अपनी बात रखी है जो उनकी 2014 में आई फिल्म ‘पीके’ पर लगाया गया था। इंडिया टीवी के एक इंटरव्यू में आमिर कहा कि उनकी फिल्म का मकसद किसी भी धर्म का मजाक उड़ाना नहीं था। उन्होंने यह भी समझाया कि हर बार जब दो अलग-अलग धर्मों के लोग शादी करते हैं, तो उसे ‘लव जिहाद’ नहीं कहा जा सकता।
आमिर खान ने क्या कहा?
‘पीके’ फिल्म पर की गई आलोचनाओं का जवाब देते हुए आमिर ने कहा कि हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। जो धार्मिक लोग होते हैं, हम उनकी भी इज्जत करते हैं, लेकिन जो लोग धर्म का गलत इस्तेमाल करके आम लोगों को बेवकूफ बनाते हैं और उनसे पैसे वगैरह निकालते हैं, उनसे सावधान रहने के लिए ही ये फिल्म थी। ऐसे लोग हर धर्म में होते हैं। फिल्म का मकसद सिर्फ इतना था कि इन लोगों से बचकर रहना चाहिए।
‘जब दो लोग प्यार करते हैं, तो धर्म मायने नहीं रखता’
‘लव जिहाद’ के आरोपों पर आमिर ने कहा कि सबसे पहली बात तो ये कि जब दो अलग-अलग धर्मों के लोग आपस में प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं, तो उसे हर बार लव जिहाद नहीं कहा जा सकता। ऐसा हो सकता है कि वो सच में एक-दूसरे से प्यार करते हों। ये इंसानियत की बात होती है और जब दो दिल मिलते हैं तो धर्म से ऊपर उठ जाता है।
आमिर खान इन दिनों अपनी अगली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की रिलीज की तैयारियों में लगे हुए हैं। यह फिल्म 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
ये भी पढ़ें- Tarun Mansukhani ने फिल्मों से क्यों लिया था लंबा ब्रेक? Housefull 5 के डायरेक्टर ने किया खुलासा