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Aamir Khan के नाम कितने National Award हैं? जानें कब और किस फिल्म के लिए मिला ये सम्मान

भारतीय सिनेमा में आमिर खान को एक ऐसे अभिनेता के रूप में जाना जाता है जो अच्छी और असरदार कहानियों पर जोर देते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1988 में 'कयामत से कयामत तक' और 'राख' जैसी फिल्मों से की, जिनमें उनके अभिनय को खूब सराहा गया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 21, 2025 18:00
Photo Credit- Instagram

आमिर खान को बॉलीवुड में बदलाव लाने वाले एक्टर्स में से एक माना जाता है। वो हमेशा कम लेकिन अच्छी फिल्मों पर फोकस करते हैं। उन्होंने हमेशा अलग और हटकर काम किया है जिससे उनकी एक खास पहचान बनी है। उनकी फिल्में सिर्फ हिट नहीं होतीं बल्कि लोगों की सोच पर भी असर डालती हैं। आमिर की खास बात ये है कि पॉपुलैरिटी और कमाई के साथ-साथ उन्हें कई बड़े अवॉर्ड्स भी मिले हैं जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।

आमिर खान के नाम हैं चार नेशनल अवॉर्ड 

आमिर ने 1988 में फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में लीड रोल किया था। इस रोल के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में खास तारीफ मिली। फिल्म में उनका रोल इतना दिलचस्प था कि उन्होंने यंग जेनरेशन के लिए रोमांटिक हीरो की एक नई छवि पेश की।

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उसी साल उन्होंने ‘राख’ नाम की एक और फिल्म की जो बदले की एक गंभीर कहानी थी। इसमें भी उनके अभिनय को सराहा गया और फिर से उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। एक ही साल में दो फिल्मों के लिए ये सम्मान मिलना बहुत कम होता है और इससे ये साफ हो गया कि आमिर सिर्फ एक स्टार नहीं  बल्कि एक गंभीर और गहराई से काम करने वाले एक्टर हैं।

और ये तो बस शुरुआत थी…

2001 में आमिर ने ‘लगान’ फिल्म को प्रोड्यूस किया। ये फिल्म अंग्रेजों के समय की एक कहानी पर आधारित थी। जिसमें स्पोर्ट्स ड्रामा साहस और एकता की कहानी दिखाई गई थी। इस फिल्म को पूरी तरह से एंटरटेनिंग होने के बावजूद गहरी बात कहने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। ‘लगान’ को ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट किया गया था जिससे भारतीय सिनेमा को दुनिया भर में पहचान मिली।

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इसके बाद 2007 में आमिर ने ‘तारे जमीन पर’ के जरिए डायरेक्शन में कदम रखा। ये फिल्म एक ऐसे बच्चे की कहानी थी जो पढ़ाई में थोड़ी परेशानी का सामना करता है लेकिन उसका नजरिया और सोच सबसे अलग होती है। इस फिल्म को भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिला क्योंकि ये एक बहुत ही जरूरी सामाजिक मुद्दा बहुत प्यार और समझदारी से पेश करती है। आमिर ने न सिर्फ इस फिल्म का डायरेक्शन किया बल्कि इसे प्रोड्यूस भी किया और इसमें एक्टिंग भी की। उन्होंने पढ़ाई की दिक्कतों को एक ऐसे तरीके से दिखाया कि फिल्म लोगों को छू गई और समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया।

इन चार राष्ट्रीय पुरस्कारों से ये साफ है कि आमिर खान सिर्फ एक एक्टर नहीं  बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री की एक ताकत हैं। उन्होंने जिस भी रोल या काम को हाथ में लिया उसे पूरी ईमानदारी और मेहनत से निभाया। उनका सफर सिर्फ एक्टिंग करने वालों को ही नहीं बल्कि उन सभी को इंस्पायर करता है जो मानते हैं कि सच्ची और असरदार कहानियां दुनिया बदल सकती हैं।

ये भी पढ़ें- ‘वो जोखिम ले…’, Aamir Khan के ‘सितारे जमीन पर’ की सिर्फ थिएटर रिलीज पर प्रोसेनजीत चटर्जी ने क्या कहा?

First published on: Jun 21, 2025 03:44 PM

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