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National Education Day 2022: कल है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानें इस दिन को मौलाना अबुल कलाम आजाद के याद में क्यों मनाया जाता है?

National Education Day 2022: पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाने के लिए 2008 से हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। आजाद ने देश की शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान की नींव रखी। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: Nov 12, 2022 11:45
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National Education Day 2022
National Education Day 2022

National Education Day 2022: पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाने के लिए 2008 से हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। आजाद ने देश की शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान की नींव रखी।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, जिसे अब शिक्षा मंत्रालय कहा जाता है, ने 11 सितंबर, 2008 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की घोषणा की। इस दिन को भारत के पहले शिक्षा मंत्री की जयंती और भारत में शिक्षा के प्रति उनके योगदान को मनाने के लिए चिह्नित किया गया था। .

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इस बार की थीम

इस दिन का केंद्रीय विषय ‘शिक्षा’ है। शिक्षा मंत्रालय हर साल एक अलग फोकस क्षेत्र निर्धारित करता है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 के लिए, विषय “पाठ्यक्रम बदलना और शिक्षा को बदलना” है।

क्या है महत्व

भारत द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आजाद द्वारा भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में किए गए योगदान पर एक नज़र डालने के लिए इस दिन को मनाने की घोषणा की है।

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 – मौलाना अबुल कमल आज़ाद के बारें में?

मौलाना अबुल कमल आजाद 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर जोर दिया।

केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वयस्क साक्षरता, सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 साल तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य, बालिका शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा पर जोर दिया।

मौलाना अबुल कलाम द्वारा भारत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गई थी। ये हैं – केंद्रीय शिक्षा संस्थान दिल्ली, जो अब दिल्ली विश्वविद्यालय का शिक्षा विभाग है। 1951 में पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT खड़गपुर (IIT Kharagpur) और 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।

पूर्व मंत्री ने भारतीय विज्ञान संस्थान, आईआईएससी बैंगलोर (IISc Bangalore) और दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के फैकेल्टी के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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HISTORY

Written By

Niharika Gupta

Edited By

Manish Shukla

First published on: Nov 10, 2022 03:50 PM
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