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नरेश गोयल ने 300 रुपये महीने में की थी नौकरी, कैसे खड़ी कर दी करोड़ों की Jet Airways?

Jet Airways Founder Naresh Goyal Success Story: कहते हैं वक्त बदलते समय नहीं लगता। Jet Airways के फाउंडर नरेश गोयल को केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया। एक ऐसा भी समय था, जब नरेश गोयल एयरलाइंस कंपनी के पोस्टर बॉय […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: Sep 4, 2023 19:24
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Jet Airway Founder Naresh Goyal Success Story
Jet Airway Founder Naresh Goyal Success Story

Jet Airways Founder Naresh Goyal Success Story: कहते हैं वक्त बदलते समय नहीं लगता। Jet Airways के फाउंडर नरेश गोयल को केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया। एक ऐसा भी समय था, जब नरेश गोयल एयरलाइंस कंपनी के पोस्टर बॉय थे।

बता दें 74 साल के नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की स्थापना की थी और उसे एक विश्व स्तरीय पहचान दिलाई। नरेश गोयल की कहानी शुरू तब हुई जब वे 18 साल की उम्र में बिल्कुल खाली हाथ दिल्ली पहुंचे थे। बात साल 1967 की है। पटियाला में गोयल का परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। गोयल अपने परिवार की आर्थिक तंगी खत्म करना चाहते थे। जब उन्होंने हाथ-पैर मारे तो एक के बाद एक सफलता मिलती चली गई।

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300 रुपये महीने में की नौकरी

नरेश गोयल साल 1967 में दिल्ली आए थे। उस समय उन्होंने कनॉट प्लेस की एक ट्रैवल एजेंसी में नौकरी की। गोयल को यहां 300 रुपये महीने मिलते थे। धीरे-धीरे वे ट्रैवल इंडस्ट्री में अपने पांव पसारने लगे। उनके काफी सारे दोस्त भी बन गए थे। ये दोस्त खासकर जॉर्डन, खाड़ी और दक्षिण पूर्व एशिया आदि में विदेशी एयरलाइंस से थे। गोयल एविएशन सेक्टर का व्यापार समझने लगे। कुछ ही समय में उन्होंने इस बिजनस की बारीकियां समझ लीं। प्लेन लीज पर लेने से लेकर टिकट तक सब उन्हें समझ आ गया।

नौकरी छोड़कर इस तरह शुरू किया अपना बिजनेस

गोयल ने साल 1973 में खुद की ट्रैवल एजेंसी खोल ली। इसे उन्होंने जेट एयर नाम दिया। जब गोयल पेपर टिकट लेने एयरलाइन कंपनियों के ऑफिस जाया करते तो वहां लोग उनका यह कहकर मजाक उड़ाते कि अपनी ट्रैवल एजेंसी का नाम एयरलाइन कंपनी जैसा रखा है। उस समय गोयल कहा करते थे कि एक दिन वह खुद की एयरलाइन कंपनी भी जरूर खोलेंगे।

साल 1991 में गोयल का एयरलाइन खोलने का सपना पूरा हुआ। उन्होंने एयर टेक्सी के रूप में जेट एयरवेज की शुरुआत की। उस समय भारत में संगठित तरीके से प्राइवेट एयरलाइंस के संचालन की अनुमति नहीं थी। एक साल बाद उनकी जेट ने चार जहाजों का एक बेड़ा बना लिया और जेट एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान शुरू हुई।

इस फैसले से जबरदस्त घाटा

गोयल ने जेट को इंटरनेशनल उड़ाने भरने वाली एकमात्र कंपनी बनाने के लिए 2007 में एयर सहारा को 1,450 करोड़ रुपये में खरीद लिया। उस समय इस फैसले को गोयल की गलती के तौर पर देखा गया था। तब से ही जेट को वित्तीय मुश्किलों से सही मायने में कभी छुटकारा नहीं मिल पाया। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा था, ‘प्रफेशनल्स पर भरोसा नहीं करना और कंपनी के संचालन में हमेशा अपना दबदबा रखना गोयल की दूसरी बड़ी गलती साबित हुई।

First published on: Sep 04, 2023 07:24 PM

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