YEIDA Flat Scheme 2024: मिडिल क्लास को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है। अपना घर लेने का सपना देखने वालों के लिए हाल ही में YEIDA ने सेक्टर 22D के लिए हाउसिंग स्कीम निकाली, जिसकी काफी चर्चा है। इससे पहले जिन लोगों को इस स्कीम के तहत फ्लैट दिए गए थे उनका क्या हाल है? क्या वह लोग वहां पर रह रहे हैं? दिए गए फ्लैटों का कैसा रखरखाव है? वहां पर सिक्योरिटी के क्या इंतजाम हैं? इस तरह के कई सवाल हैं जो आम जनता को पता होने चाहिए।
13 अक्टूबर को Resident Welfare Association की एक मीटिंग की गई। इस मीटिंग में जिनको फ्लैट दिए गए थे वह लोग शामिल थे। इस मीटिंग में शामिल RWA के प्रेसिडेंट से जब हमने बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाली जानकारी साझा की।
2013 में फ्लैट लेने वालों का कैसा है हाल?
RWA के प्रेसिडेंट का कहना है कि 2013 में जिन लोगों ने YEIDA फ्लैट में अप्लाई किया था उसमें वह खुद भी शामिल थे। उन्होंने 2013 में फ्लैट के लिए अप्लाई किया और 2014 में अलॉटमेंट हो गया था। पजेशन की बात करें तो प्राधिकरण ने 2021 में देना शुरू कर दिया था। हाल ही में प्राधिकरण ने हफ्ते में पजेशन के लिए कैंप लगाने शुरू किए हैं। प्रेसिडेंट का कहना है ये उनके बार-बार अनुरोध करने के बाद किया गया। इसके बाद ही लोगों को फ्लैटों पर कब्जा दिया जाना शुरू हुआ।
ये भी पढ़ें: YEIDA से लोग वापस क्यों मांग रहे अपने पैसे? हजारों लोगों को 72 घंटे बाद भी नहीं मिला रिफंड
कैसी हैं बेसिक फैसिलिटी?
प्राधिकरण आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा तो कराने लगा है, लेकिन वहां पर बेसिक फैसिलिटी ही नहीं है। इसके अलावा फ्लैट अभी तक भी पूरी तरह से तैयार नहीं किए गए हैं। इन सब चीजों को देखते हुए बहुत कम लोगों ने अपनो फ्लैट पर कब्जा लिया है। बेसिक फैसिलिटी की बात करें तो अभी तक फ्लैट में पाइपलाइन भी नहीं लगाई गई हैं और न ही रंगाई-पुताई की कराई गई है।
इसके अलावा यहां पर कोई सरकारी स्कूल और अस्पताल भी नहीं हैं। जबकि इलाके में वीवो और पतंजलि का प्लांट है, लेकिन फिर भी लोग यहां पर रहना नहीं चाहते हैं। क्योंकि उनके पास रहने के लिए बेसिक चीजें नहीं मिल पा रही हैं।
पानी-बिजली को तरस जाते हैं लोग
RWA के प्रेसिडेंट ने बताया कि लोग इन फ्लैटों में कैसे रहेंगे, यहां पर पानी की सप्लाई तक नहीं है। सही से लाइट नहीं आती है, एक बार चली गई तो कई दिन के लिए गायब हो जाती है। उस वक्त जितनी संख्या में लोगों ने इस स्कीम में अप्लाई किया था उसमें से अभी तक करीब 80 से 85 के बीच लोग ही रह रहे हैं। बीते दिनों में लोगों ने हंगामा भी किया, बताया गया कि ये हंगामा लाइट को लेकर हुआ। कई दिनों तक जब लाइट नहीं आती है तो जो लोग आकर रहते हैं वह भी छोड़कर चले जाते हैं। इस मैप के जरिए कनेक्टिविटी को समझ सकते हैं।
रोड कनेक्टिविटी कैसी?
जिस इलाके में ये फ्लैट बने हैं वहां पर रोड कनेक्टिविटी भी सही नहीं है। वहां पर रहने वाले लोगों को 6 किमी से ज्यादा घूमकर आना पड़ता है। लोगों ने इसके लिए सीओ के सामने अपनी समस्या को रखा। जिस पर उन्होंने आश्वासन दिलाया कि इसको लेकर जल्द ही काम किया जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों ने कनेक्टिविटी न मिलने की वजह बताते हुए कहा कि अभी ये काम इसलिए अधूरा है क्योंकि इसके लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मंजूरी नहीं मिली है।
यहां के निवासी इस मैप के हिसाब से कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं। अगर यहां से रास्ता निकाल दिया जाए तो इनके लिए हाइवे की दूरी मात्र 900 मीटर रह जाएगी।
बिल्डिंग में काम नहीं करती लिफ्ट
जब से अलॉटमेंट किया गया है तब से लेकर अब तक किसी तरह का कोई विकास का काम नहीं किया गया है। सिक्योरिटी की बात करें तो यीडा ने एक ऑफिस खोल रखा है जिसमें दो से तीन सिक्योरिटी गार्ड रखे हुए हैं। जिनकी मौजूदगी में यहां का ट्रांसफार्मर भी चोरी हो चुका है। मेंटेनेंस के लिए पहले ही 1 लाख 25 हजार जमा कराए जा चुके हैं, जिसके बाद भी कोई काम नहीं किया गया। वहीं, लिफ्ट की बात करें तो जिनको फ्लैट अलॉट किए हैं वह अपना फ्लैट देख नहीं पाते हैं, इसकी वजह है बिल्डिंग की खराब लिफ्ट। अगर किसी का फ्लैट 12वीं मंजिल पर है तो वह उसे देखने के लिए सीढ़ियों से ऊपर जा ही नहीं पाता है।
इस मामले पर दूसरा पक्ष जानने के लिए हमने ओएसडी यीडा (OSD YEIDA) से बात करने के लिए कई बार फोन किया लेकिन उनसे इसका जवाब नहीं मिल पाया है।
ये भी पढ़ें: Toll Plaza पर लागू हुए नए नियम, मानवरहित बूथ पर 29 किमी के सफर पर मात्र 65 रुपये लगेंगे