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Success Story : IIT पास आउट इस शख्स ने 4 करोड़ से शुरू की कंपनी, अब रेवेन्यू 50 करोड़ के पार

Success Story Of Aneesh Jain : IIT से इंजीनियरिंग करने वाले अनीष जैन का खेती से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। लेकिन आज वह खेती से जुड़ी करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक हैं। अनीष ने बताया कि उन्होंने खेती से जुड़ा बिजनेस करने का रास्ता खुद बनाया। परिवार और दोस्तों से रकम उधार लेकर उन्होंने कंपनी शुरू की थी। पढ़ें, अनीष जैन की सक्सेस स्टोरी:

Edited By : Rajesh Bharti | Updated: Jun 27, 2024 08:52
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Success Story
IIT पास आउट ने शुरू किया खेती से जुड़ा बिजनेस।

Success Story Of Aneesh Jain : एक कहावत है:

सीढ़ियां उन्हें मुबारक, जिन्हें छत तक जाना है।

जिनकी मंजिल है आसमां, उन्हें रास्ता खुद बनाना है।।

यह लाइन IIT से पास आउट अनीष जैन पर सटीक बैठती हैं। IIT जैसे संस्थान से इंजीनियरिंग करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट की इच्छा होती है कि वे पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी बड़ी कंपनी में बढ़िया जॉब करें। वहीं कुछ अनीष जैन जैसे भी होते हैं जो मुख्यधारा से हटकर अपना रास्ता खुद बनाते हैं और वहां तक पहुंचकर ही दम लेते हैं। रास्ते में काफी मुश्किलें आती हैं, लेकिन उनसे पार पाना ऐसे लोग अच्छे से जानते हैं।

क्या करते हैं अनीष जैन

अनीष जैन आज ‘ग्राम उन्नति’ नाम की एक कंपनी के फाउंडर हैं। यह कंपनी किसानों और उन कंपनियों के बीच ब्रिज का काम करती है जिन्हें अच्छी क्वॉलिटी की फसल की जरूरत होती है। ताज्जुब की बात है कि अनीष को खेती का कोई अनुभव नहीं है। अनीष बताते हैं कि उनका और परिवार के लोगों का दूर-दूर तक खेती से कोई नाता नहीं है। लेकिन आज वह ऐसी कंपनी को संभाल रहे हैं जो खेती से जुड़ी है।

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खेती में कई तरह की मशीन इस्तेमाल की जाती हैं।

ऐसे हुई शुरुआत

साल 2007 में IIT (खड़गपुर) से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने के बाद अनीष ने मल्टीनेशनल कंपनी McKinsey जॉइन की। यह कुछ समय काम करने के दौरान साल 2009 में उनके पास गेट्स फाउंडेशन की ओर से फंड की जाने वाली एक कंपनी में जॉब का ऑफर आया। दरअसल, यह किसानों से जुड़ा एक प्रोजेक्ट था जो राजस्थान में होना था। एक साल के इस प्रोजेक्ट में किसानों को सोयाबीन की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने से संबंधित जानकारी देनी थी। यह वह पहला मौका था जब अनीष का सामना खेती से हुआ।

ऐसे आया कंपनी बनाने का आइडिया

अनीष ने बताया कि यहां काम करने के दौरान उन्होंने देखा कि आज भी किसान और किसानों की फसल खरीदने वाली कंपनियों के बीच तालमेल की काफी कमी है। कंपनी को अच्छी क्वॉलिटी की चीजें नहीं पातीं और किसानों को फसल की सही कीमत। इस कमी को दूर करने के लिए अनीष खेती के बिजनेस में कूद गए। गेट्स फाउंडेशन के साथ काम करते रहने के दौरान उन्होंने खेती-बाड़ी का काम सीखा। साल 2013 में उन्होंने ‘ग्राम उन्नति’ नाम से कंपनी बना ली।

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किसानों को फसल से संबंधित कई तरह की जानकारियां भी दी जाती हैं।

क्या करती है कंपनी?

देश में ऐसी काफी कंपनियां हैं जिन्हें अच्छी क्वॉलिटी की फसल की जरूरत पड़ती है। गेट्स फाउंडेशन के साथ काम करने के दौरान उनके ऐसे काफी कंपनियों से रिलेशनल बन गए थे। उन्होंने Bayer Crop Science जैसी कुछ कंपनियों को साथ जोड़ा। इसके अलावा उन्होंने काफी किसानों को भी अपने साथ जोड़ लिया। फसल खरीदने वाली कंपनियों को जैसी फसल चाहिए होती थी, वह कैसे उगेगी, इस बारे में Bayer Crop Science जैसी कंपनियां किसानों की मदद करती हैं। जो फसल उगती है, उसे उन कंपनियों को बेच दिया जाता है, जिन्हें जरूरत होती है। यह पहले ही तय हो जाता है। फसल बिकने के बाद जो रकम आती है, उसका एक हिस्सा इनकी कमाई होती है।

फैमिली और फ्रेंड्स से पैसे लेकर शुरू की कंपनी

अनीष ने ‘ग्राम उन्नति’ की शुरुआत फैमिली और फ्रेंड्स से पैसे लेकर ली थी। वह बताते हैं कि इसे शुरू करने में करीब 4 करोड़ रुपये का खर्चा आया। इसके बाद अनीष पूरी तरह गांव में रम गए और किसानों के बीच रहने लगे। आज उनकी कंपनी का सालाना रेवेन्यू करीब 50 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इनकी कंपनी सरकार के साथ मिलकर भी कई प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी है।

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First published on: Jun 27, 2024 08:00 AM

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