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Stock Market के लिए डराने वाले हैं ये आंकड़े, कब तक भारत से रूठे रहेंगे विदेशी निवेशक?

Indian Stock Market: विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। इस साल अब तक उन्होंने बड़े पैमाने पर बिकवाली की है। विदेशी निवेशकों की भारत को लेकर बदलती धारणा चिंता का विषय है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Feb 17, 2025 10:52

Foreign Portfolio Investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) अब तक भारत से रूठे हुए हैं। वह खरीदारी से ज्यादा बिकवाली पर जोर दे रहे हैं। इसके चलते भारतीय शेयर बाजार लगातार दबाव में बना हुआ है। पिछले साल के आखिरी कुछ महीनों में FPIs ने इंडियन मार्केट से तेजी से पैसा निकालना शुरू किया था और यह सिलसिला निरंतर जारी है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद भारत में विदेशी फंड फ्लो बढ़ेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है।

नहीं थम रहा सिलसिला

2025 में अब तक विदेशी निवेशक करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने महज छह हफ्तों में 99,299 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है। फरवरी यानी प्यार वाले महीने में भी FPIs भारतीय बाजार से रूठे रहे हैं। अकेले 10 से 14 फरवरी के बीच ही उन्होंने 13,930.48 करोड़ रुपये की बिकवाली कर डाली। इसके साथ ही फरवरी में अब तक शुद्ध निकासी 21,272 करोड़ रुपये हो गई, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 78,027 करोड़ रुपये था।

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चौंकाने वाला बदलाव

विदेशी निवेशकों की धारणा में यह बदलाव वाकई चौंकाने वाला है, क्योंकि पहले वे भारतीय बाजार को लेकर बुलिश रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता, बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और जियो पॉलिटिकल तनाव के चलते विदेशी निवेशकों का रुख भारतीय बाजार को लेकर बदला है। उनका यह भी कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी से निवेशकों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विश्वास मजबूत हुआ है, ऐसे में वे स्थानीय स्तर पर निवेश को तवज्जो दे रहे हैं।

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यह है एक कारण

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ट्रंप की लीडरशिप और उनके बिजनेस को सपोर्ट करने वाले दृष्टिकोण ने अमेरिका को एक अधिक आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बना दिया है। परिणामस्वरूप, भारत सहित उभरते बाजारों से पूंजी बाहर जा रही है, क्योंकि निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि US बॉन्ड यील्ड में बढ़त से FPIs के लिए अमेरिकी बाजार अधिक बेहतर विकल्प बन रहे हैं। विदेशी निवेशकों की वापसी तभी मुमकिन है जब, उन्हें दूसरे बाजारों से अच्छे रिटर्न की संभावना नजर आए। लिहाजा हमें इस दिशा में कुछ कदम उठाने होंगे।

उम्मीद है कायम

वहीं, कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग के बाद हालात कुछ सुधर सकते हैं। क्योंकि अमेरिका का रुख भारत को लेकर चीन वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार को लेकर निवेशकों की एक चिंता हाई वैल्यूएशन को लेकर थी, जो अब कुछ हद तक दूर हुई है। खासकर लार्जकैप में बिकवाली से उसका वैल्युएशन आकर्षक हो गया है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि इस महीने के अंत तक हालात सुधर सकते हैं।

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First published on: Feb 17, 2025 10:52 AM

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