---विज्ञापन---

बिजनेस

Madhabi Puri Buch पर दर्ज केस को चुनौती देंगे सेबी और BSE, जानें क्या है मामला?

Madhabi Puri Buch: एक पुराने मामले में सेब की पूर्व चीफ माधबी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। हालांकि, अदालत के इस आदेश को सेबी और BSE चुनौती देने वाले हैं।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 3, 2025 09:31

SEBI News: सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की पूर्व बॉस माधबी पुरी बुच की मुश्किलों में इजाफा हो गया है। मुंबई की विशेष अदालत ने बुच और कुछ अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट का यह आदेश 1994 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर एक कंपनी की लिस्टिंग में कथित गड़बड़ियों से जुड़े मामले में आया है। बता दें कि माधबी पुरी बुच हाल ही में सेबी से रिटायर हुई हैं।

आदेश को देंगे चुनौती

अदालत का यह आदेश सेबी की पूर्व चीफ और अन्य अधिकारियों की मुश्किल बढ़ाने वाला जरूर है, लेकिन उनके पास अभी कई विकल्प मौजूद हैं। SEBI ने अदालत के फैसले को चुनौती देने की घोषणा की है। सेबी की तरफ से कहा गया है कि वह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अदालत के उस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी कदम उठाएगा, जिसमें सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें – SEBI को मिला नया चीफ, हर महीने कितनी सैलरी घर लेकर जाएंगे Tuhin Kant Pandey?

BSE ने कही ये बात

वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने भी आरोपों को खारिज करते हुए आवश्यक और उचित कानूनी कदम उठाने की बात कही है। BSE ने एक बयान में कहा है कि जिन अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है, वे 1994 में अपने पदों पर नहीं थे और संबंधित कंपनी से किसी भी रूप में जुड़े नहीं थे। एक्सचेंज का कहना है कि वह नियामक अनुपालन और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।

---विज्ञापन---

याचिकाकर्ता पर सवाल

SEBI ने अपने बयान में कहा है कि कोर्ट का आदेश उन अधिकारियों के खिलाफ दिया गया है, जो उस समय संबंधित पदों पर कार्यरत नहीं थे। कोर्ट ने सेबी को नोटिस जारी किए बिना और हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना यह आदेश पारित कर दिया। सेबी ने याचिकाकर्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि शिकायतकर्ता पहले भी अदालतों में इसी तरह की कई याचिकाएं दायर कर चुका है, जिनमें से कई मामले अदालत में खारिज हुए हैं।

इन पर होनी है FIR

विशेष न्यायाधीश एसई बांगर ने 1 मार्च माधबी पुरी बुच, सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया, आनंद नारायण और कमलेश चंद्र वर्श्नेय के साथ-साथ BSE के सीईओ सुंदररमन राममूर्ति और पूर्व चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश ठाणे के पत्रकार सपन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका के आधार पर दिया है।

क्या है मामला?

श्रीवास्तव द्वारा दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सेबी के अधिकारियों ने 1994 में स्टॉक एक्सचेंज में एक ऐसी कंपनी की लिस्टिंग की अनुमति दे दी, जिसने नियमों का पालन नहीं किया था। अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे, जिससे बाजार में हेरफेर और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी को बढ़ावा मिला। उन्होंने दावा किया कि पुलिस और नियामक निकायों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में Cals Refineries नामक कंपनी का जिक्र है। याचिका पर सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया नियामकीय चूक और मिलीभगत के प्रमाण हैं, जिन्हें निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।

लगे कई गंभीर आरोप

माधबी पुरी बुच का तीन साल का कार्यकाल हाल ही में खत्म हुआ है। अपने कार्यकाल के आखिरी समय में उन्हें कई गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा था। अब अदालत के इस आदेश ने उनकी मुश्किलों में इजाफा कर दिया है। SEBI के नए बॉस तुहिन कांत पांडे बने हैं। पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने सितंबर 2024 में टीवी सोमनाथन के कैबिनेट सेक्रेटरी बनने के बाद फाइनेंस सेक्रेटरी का पदभार संभाला था। इससे पहले वह डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी भी रहे हैं।

HISTORY

Edited By

Neeraj

First published on: Mar 03, 2025 09:31 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें