Retirement Planning: Scripbox द्वारा 2022 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 80% शहरी परिवार अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। इनमें से अधिकांश परिवारों के लिए, सेवानिवृत्ति निधि का स्रोत कर्मचारी भविष्य निधि या सार्वजनिक भविष्य निधि बैलेंस होता है जो उन्होंने अपने कामकाजी जीवन के दौरान जमा किया होगा।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत में अब कार्य अवधि में गिरावट आ रही है। ऐसे में निवेश के एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ पहले से ही सेवानिवृत्ति की योजना शुरू करना महत्वपूर्ण है जो जीवन के सुनहरे वर्षों के दौरान नियमित निकासी सुनिश्चित कर सके।
हम यहां यह देखेंगे कि कैसे कोई नियमित अंतराल में व्यवस्थित रूप से निवेश करके सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान आप लगातार कैश पाते रहेंगे।
SIP का फायदा
SIP लंबी अवधि में संपत्ति बनाने में मदद करता है। यह निवेशक को नियमित अंतराल पर छोटी मात्रा में निवेश करने की अनुमति देता है और ये छोटी राशि अल्पावधि में अस्थिरता के प्रभाव को कम करती है। प्रमाण बताते हैं कि इक्विटी बाजारों में मध्यम से लंबी अवधि में रिटर्न अच्छा रहता है।
SWP क्या है?
SWP, SIP के विपरीत हैं। इसमें आपके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो से एक निश्चित राशि समय-समय पर आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। यह एक प्रकार की पेंशन के रूप में कार्य करता है जहां नियमित नकदी फ्लो सेवानिवृत्ति के दौरान खर्चों को पूरा करने में मदद करता है।
SIP और SWP एक साथ
रिटायरमेंट प्लानिंग के दो फेज रहते हैं। एक फंड में लगातार बढ़ोतरी करना और दूसरा फंड का साइज घटाना। फंड बढ़ाने वाला फेज SIP के माध्यम से किया जा सकता है। SIP में रेगुलर निवेश की जाने वाली छोटी राशि आपके रिटायर होने तक आपके लिए एक बड़ा फंड बनाने की क्षमता रखती है।
वहीं, दूसरा फेज में रिटायरमेंट के बाद SWP आपकी मदद करता है। मंथली खर्चों को पूरा करने के लिए SWP मदद कर सकता है। SWP का भी मुख्य लाभ एसआईपी की तरह ही है। अंतर यह है कि जैसे SIP हम अनुशासित तरीके से निवेश करते हैं। वैसे ही SWP में हम अनुशासित तरीके से निकासी करते हैं। ऐसे में आप SIP और SWP के साथ अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग कर सकते हैं।