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Tokenization की प्रकिया को तेजी से लागू करने में लगा RBI, नहीं बढ़ेगी समय सीमा, यहां पढ़ें- पूरी डिटेल्स

नई दिल्ली: फेल्ड पेमेंट और राजस्व हानि जैसी कई चिंताएं अभी सामने है, लेकिन भारतीय केंद्रीय बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी को लेकर सतर्क है और सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त काम इसपर किया जा रहा है। जिसे जल्द लागू भी किया जा रहा है और व्यवसायों के लिए समय सीमा बढ़ाने की […]

Author Edited By : Nitin Arora Updated: Sep 29, 2022 16:47
RBI Grade B Recruitment 2023
RBI Grade B Recruitment 2023

नई दिल्ली: फेल्ड पेमेंट और राजस्व हानि जैसी कई चिंताएं अभी सामने है, लेकिन भारतीय केंद्रीय बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी को लेकर सतर्क है और सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त काम इसपर किया जा रहा है। जिसे जल्द लागू भी किया जा रहा है और व्यवसायों के लिए समय सीमा बढ़ाने की संभावना न के बराबर है। यह जो नया सिस्टम लाया जा रहा है यह एक ‘टोकन’ होगा। कार्ड टोकेनाइजेशन प्रोसेस एक अक्टूबर से प्रभाव में आएगा।

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डेडलाइन बढ़ाई जाए!

छोटे व्यापारियों ने डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग की है। हालांकि, आरबीआइ ने अब तक इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि कार्ड टोकेनाइजेशन की समय सीमा बढ़ाई जाएगी या नहीं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसको लेकर किए गए एक ईमेल का जवाब नहीं दिया।

राज्य के स्वामित्व वाले एक बैंक के बैंकर ने कहा, ‘सामान्य बात यह है कि बैंक, कार्ड नेटवर्क और (बड़े) व्यापारी बेहतर तरीके से तैयार हैं और इसलिए अनुमान यही है कि आरबीआइ द्वारा 30 सितंबर की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी और हमें विस्तार का सुझाव देने के लिए कुछ पूछा भी नहीं गया।’ उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा होता है, तो यह आश्चर्य की बात होगी।’

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बता दें कि तीन साल पहले, भारत ने 30 सितंबर तक कार्डों को टोकन करने के लिए व्यवसायों की आवश्यकता के द्वारा कार्ड डेटा सुरक्षित करने के लिए एक विशाल अभ्यास शुरू किया। जानकारी के मुताबिक, टोकेनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्ड की जानकारी को एक यूनीक कोड या टोकन द्वारा बदल दिया जाता है। ये टोकन एक एल्गोरिदम द्वारा जेनरेट होता है।

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ये भी है बड़ी मुसीबत

टोकेनाइजेशन से ऑनलाइन फ्रॉड पर अंकुश लगेगा और ग्राहकों के निजी डाटा सेफ रहेंगे। हालांकि, छोटे व्यापारियों और कुछ बैंकरों ने इस डर को भी सामने लाया कि टोकन के मानदंड लागू होने के बाद कार्ड से संबंधित लेन-देन में कुछ समय के लिए कमी आ सकती है।

जानकार कहते हैं कि जब भी इस तरह की कोई सिक्योरिटी लेयर बढ़ाई जाती है, कार्ड से होने वाले लेन-देन कम होने लगते है। ऐसा इस बार भी देखने को मिल सकता है।

वहीं, कई और सवाल भी जहन में आते हैं, जैसे अगर कोई प्रोडक्ट लौटाया जाता है तो टोकेनाइजेशन के बाद उसके रिफंड का क्या होगा, इसको लेकर संदेह बना हुआ है, क्योंकि व्यापारियों के पास कार्ड का डाटा सेव नहीं होगा।

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First published on: Sep 29, 2022 12:12 PM

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