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RBI ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द किया, जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये मिलेंगे वापस

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज पुणे स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया। कहा गया कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आगे कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। आरबीआई ने कहा कि बैंक 10 अक्टूबर, 2022 से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा। अभी पढ़ें – International Girl Child Day: […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Oct 11, 2022 15:38
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RBI Grade B Recruitment 2023
RBI Grade B Recruitment 2023

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज पुणे स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया। कहा गया कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आगे कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। आरबीआई ने कहा कि बैंक 10 अक्टूबर, 2022 से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा।

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आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।’

आरबीआई ने नोट किया कि सेवा विकास सहकारी बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 99 फीसदी जमाकर्ता अपनी जमा राशि की पूरी राशि वापस पाने के पात्र हैं।

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता अपनी जमाराशियों की जमा बीमा दावा राशि 5,00,000 रुपये की मौद्रिक सीमा तक प्राप्त करने का हकदार होगा। DICGC द्वारा लगभग 99% जमाकर्ता अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।’

DICGC अब तक इतना किया भुगतान

रिजर्व बैंक ने कहा कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) पहले ही 14 सितंबर, 2022 तक DICGC अधिनियम, 1961 की धारा 18A के प्रावधानों के तहत कुल बीमित जमा राशि का 152.36 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है।

RBI ने कहा, ‘अपने लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, ‘सेवा विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र’ को ‘बैंकिंग’ का व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, जमा की स्वीकृति भी शामिल है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) के तहत यह कार्रवाई की गई।’

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केंद्रीय बैंक ने यह भी दावा किया कि बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा है। आरबीआई ने कहा कि अगर बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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First published on: Oct 11, 2022 02:22 PM

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