RBI Action Against Banks: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई आए दिन चर्चा में रहता है। देशभर में लोग डिजिटल लाइफ की तरफ रुख कर रहे हैं। लोगों के हाथ में स्मार्टफोन आने के बाद ऑनलाइन पेमेंट काफी ज्यादा बढ़ गया है। हर छोटी-से-छोटी दूकान पर यूपीआई पेमेंट के स्कैनर लगे होते हैं लेकिन इस वजह से फ्रॉड या धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस चिंता को देखते हुए आरबीआई सख्ती बरत रहा है। हाल ही में, कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाड़फ एक्शन लिया गया है और इससे पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भी रिजर्व बैंक का चाबुक चल चुका है। जानें और किस-किस बैंक के खिलाफ एक्शन ले चुका भारतीय रिजर्व बैंक?
बैंक ऑफ बड़ौदा
आपको बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा साल 2021 के सितंबर महीने में bob World नाम का एक ऐप लॉन्च किया गया था, जिसके लिए बैंक ने कर्मचारियों को बड़े टारगेट दिए थे। नौकरी कर रहे लोगों ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए एक लूपहोल का यूज करना शुरू कर दिया, जो पुराने कस्टमर को भी मोबाइल नंबर के साथ ऑनबोर्ड करने के लिए इज्जाजत देता था और यह भी टागरेट में जुड़ता था। साल 2023 के जुलाई महीने में बैंक के ही कर्मचारी ने इसके बारे में मीडिया को बताया और फिर आरबीआई द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया। नतीजतन रिजर्व बैंक ने bob World ऐप को ही बंद कर दिया।
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HDFC बैंक
2020 में आरबीआई ने भारत के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC पर चाबुक चलाया था, जिसमें नए क्रेडिट कार्ड कस्टमर जोड़ने और कोई नया डिजिटल प्रोडक्ट लॉन्च करने पर अस्थाई रोक लगा दी थी। दरअसल, केंद्रीय बैंक को HDFC में कार्ड, डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट से जुडी कई तकनीकी कमियां मिली थीं। HDFC बैंक के शायरों ने बीते पांच साल में 28 फीसदी का रिटर्न दिया।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक
आजकल देश में लगभग हर कोई पेटीएम का इस्तेमाल करता है लेकिन कुछ समय पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक से कंपनी को इतना बड़ा झटका लगा कि अभी भी इससे उबरने की कोशिश जारी है। केंद्रीय बैंक को पेटीएम पेमेंट्स बैंक में कई गंभीर खामियां मिलीं। आरबीआई ने यह भी पाया कि कई अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग जैसे गैरकानूनी कामों के लिए किया गया। कई खामियों की वजह से साल 2024 की शुरुआत में आरबीआई द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक को कामकाज बंद करने का आदेश दिया गया। इससे कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। पेटीएम के शेयरों ने बीते 6 महीने में लगभग 58 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है।
इतनी सख्ती क्यों कर रहा आरबीआई?
भारतीय रिजर्व बैंक सिर्फ बैंकों के खिलाफ ही नहीं बल्कि IIFL फाइनेंस और जेएम फाइनेंशियल जैसे नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (NBFC) पर भी चाबुक चला चुका है। आरबीआई फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों कर रहा है? इसके जवाब में असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड सिद्धार्थ भामरे ने कहा कि किसी भी सरकारी रेगुलेटर का काम ऐसा माहौल बनाना होता है, जिसमें सभी पक्षों का हित हो और उन सबको आगे बढ़ने का एक सामान मौका मिले।
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