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Pi Coin: क्रिप्टो में होगा बड़ा नाम या बस एक और ट्रेंड? इंवेस्ट करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

Pi Crypto Investment: Pi Network ने क्रिप्टो मार्केट में जोरदार एंट्री ली है, लेकिन इसकी स्टेबिलिटी और भविष्य को लेकर संदेह बरकरार है। भले मोबाइल माइनिंग की सुविधा इसे अनोखा बनाती है, लेकिन इसकी कीमत में भारी उतार-चढ़ाव और एक्सचेंज लिस्टिंग की कमी इसे जोखिम भरा निवेश बनाती है।

Author Edited By : Ankita Pandey Updated: Feb 22, 2025 08:10
Pi Coin Price Today

 Pi Crypto Investment: बीते कुछ सालों से डिजिटल करेंसी या क्रिप्टो में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। ऐसे में लोगों ने इसमें इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है। हाल ही में Pi Network ने क्रिप्टो इंडस्ट्री में जबरदस्त एंट्री करते हुए Pi Coin को पेश किया है। Pi ने अपने टेस्टनेट से मेननेट में एंट्री कर ली है, जिसका मतलब है कि अब यह पब्लिकली ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होगा। इससे पहले, Pi एक एंक्लोज्ड नेटवर्क था, जहां केवल लिमिटेड यूजर्स ही ट्रांजेक्शन कर सकते थे। आने के साथ ही इसने पूरे मार्केट में धूम मचा दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस क्वॉइन में इन्वेस्ट करना सही ऑप्शन होगा? आइए इसके बारे में जानते हैं।

6 करोड़ से ज्यादा यूजर्स

इस प्लेटफॉर्म से अब लगभग 6 करोड़ से ज्यादा यूजर्स अपने मोबाइल फोन से Pi की माइनिंग कर रहे हैं। इससे यह सबसे तेजी से बढ़ता क्रिप्टो प्रोजेक्ट में से एक बन गया है। लेकिन इसकी असली वैल्यू और लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स को लेकर सवाल बने हुए हैं। बता दें कि 2019 में Pi Network को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट्स ने लॉन्च किया था। यह ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट पर बेस्ड पुरानी क्रिप्टोकरेंसी जैसे Bitcoin से काफी अलग है।

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सीधी भाषा में कहें तो Bitcoin की माइनिंग के लिए हमें महंगे और पावरफुल हार्डवेयर की जरूरत होती है। वहीं, Pi को यूजर अपने मोबाइल फोन से आसानी से माइन कर सकते हैं। इसके लिए यूजर्स को सिर्फ ऐप को रोज एक बार खोलना होता है, जिससे उन्हें Pi टोकन मिलते हैं। कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, Pi Network एक ऐसी कम्युनिटी है, जिसमें लाखों लोग Pi क्रिप्टोकरेंसी को माइन कर रहे हैं और Web3 ऐप इकोसिस्टम बना रहे हैं।

क्या है उद्देश्य?

कंपनी की मानें तो इस नेटवर्क का उद्देश्य एक ‘फेयर डिजिटल करेंसी सिस्टम’ तैयार करना है, जिसमें फ्री मोबाइल माइनिंग और सिंपल वेरिफिकेशन शामिल हो। ऐसे में कंपनी ने अपनी सिक्योरिटी को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। Pi Network की ट्रांजैक्शन इम्यूटेबल होती हैं, यानी एक बार रिकॉर्ड हो जाने के बाद उन्हें बदला नहीं जा सकता। वहीं Pi कॉइन्स को कॉपी नहीं किया जा सकता है और न ही नकली बनाया जा सकता है। इससे यह साइबर क्राइम से सुरक्षित है। इसके साथ ही इसे चलाने के लिए किसी महंगे हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि Pi ऐप बैटरी ड्रेन नहीं करता और आसानी से माइन किया जा सकता है।

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62% की भारी गिरावट क्यों?

हालांकि Pi Network Coin ने जबरदस्त शुरुआत की, लेकिन फिर इसे बड़ा झटका लगा। जहां इसकी शुरुआती कीमत 1.70 डॉलर और अधिकतम कीमत 2 डॉलर तक पहुंची थी, वहीं अब इसकी कीमत 0.66 डॉलर हो गई है। बड़ी बात यह है कि ये बदलाव केवल कुछ ही घंटों में हुआ है। Pi Coin की वैल्यू में 50% की गिरावट कुछ ही घंटों में देखी गई, जिससे इसका फुली डायल्यूटेड वैल्यूएशन (FDV) 195 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। यह कुछ समय के लिए बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज की कैटेगरी में आ गया, लेकिन बाद में इसकी कीमत गिर गई।

बन पाएगी स्थायी क्रिप्टोकरेंसी?

इस भारी गिरावट ने इन्वेस्टर्स को चिंता में डाल दिया है, जिसके बाद ये सवाल उठा है कि क्या यह एक स्थायी क्रिप्टोकरेंसी बन पाएगी या नहीं? हालांकि इस क्रिप्टो के अपने फायदे हैं, जो इसे यूजर के लिए आसान बनाते हैं। इसमें मोबाइल माइनिंग की सुविधा मिलती है और अब तक इसके 6 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। कंपनी ने एक Web3 ऐप इकोसिस्टम तैयार कर लिया है। जहां एक तरह इसके साथ कुछ पॉजिटिव पॉइंट हैं, वहीं इसमें कुछ कमियां भी हैं। इसकी कमियों में अत्यधिक मूल्य अस्थिरता, बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की कमी और रियल लाइफ में इसके उपयोग को लेकर समस्या शामिल हैं।

ऐसे में Pi Coin की लॉन्ग-टर्म सफलता इसके इकोसिस्टम पर निर्भर करती है। इसका इकोसिस्टम कितना मजबूत होता है, इसमें सुरक्षा कितनी अच्छी है। इन्वेस्टर्स को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले अच्छे से रिसर्च करें।

यह भी पढ़ें – Jio Coin vs Pi Coin: भारतीय मार्केट में किस क्रिप्टोकरेंसी का पड़ सकता है असर?

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Edited By

Ankita Pandey

First published on: Feb 22, 2025 08:05 AM

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